सूरह बकरा हिंदी में (पेज 1)
सूरह बकरा: कुरान का अध्याय (सूरा) नंबर दो है, यह सूरह मदनी है, इस में 286 आयतें हैं। यह सूरह कुरान की सब से बड़ी सूरह है। इस के एक स्थान पर “बकरह“ यानी …
सूरह बकरा: कुरान का अध्याय (सूरा) नंबर दो है, यह सूरह मदनी है, इस में 286 आयतें हैं। यह सूरह कुरान की सब से बड़ी सूरह है। इस के एक स्थान पर “बकरह“ यानी …
जीवनी पैग़म्बर मुहम्मद ﷺ: आपका जन्म दिन और संसार का सौभाग्य: हज़रत “आमिना” के घर के आंगन में एक नन्हे मुन्ने बच्चे ने पहली किलकारी मारी। दाई “हलीमा” ने …
हजरत खालिद इब्न वलीद रज़ी अल्लाहू अनहू का जन्म सम्भवत 592 ईस्वी में अरब के एक नामवर परिवार में हुआ था। आपका जन्म कुरैश की एक जनजाती बनू मख़ज़ूम खानदान…
नमाज़ का तरीका सूची – List – Chapter Index: Here you can find all posts related to Namaz and other related posts about Islam.
दुआ सूची:बुखार से शिफ़ा की दुआ, हर मूज़ी मरज़ से पनाह की दुआ, बद हज्मी की दुआ, कुरआने पाक पढ़ने की दुआ, इल्म में इज़ाफे की दुआ, हाफ़िज़ा मज़बूत करने की दुआ
कुरान इस्लाम धर्म की सबसे पवित्र किताब मानी जाती है। कहा जाता है कि कुरान ईश्वर द्वारा भेजी गई आखिरी और सर्वोच्च किताब हैं। कुरान को 30 बराबर भागों में …
दूसरे खलीफा हजरत उमर बिन खत्ताब के बारे में जानकारी Information about the second Caliph Hazrat Omar bin Khattab
पहले ख़लीफ़ा हज़रत अबू बक्र सिद्दीक़ (रज़ियल्लाहु अन्हु) से जुड़ी जानकारी
तीसरे खलीफा हजरत उस्मान गनी की जानकारी Information of third Caliph Hazrat Usman Ghani (Questions answers)
Information of fourth Caliph Hazrat Ali bin Abu Talib. चौथे ख़लीफा हज़रत अली बिन अबू तालिब (रदियअल्लाहु ‘अनहु) के संबंध में जानकारी।
मौत का एक दिन मुअय्यन है, जहाँ की खाक होती है वहीं मदफ़न भी होता है, सकराते मौत और जानकनी…
आख़िरत की मराजिअत के वक्त सब से पहले आप को ‘मलिक उल मौत’ से मिलना है और ‘मलिक उल मौत’ के माने है “मौत का फ़रिशता” उन का नाम ‘हज़रत इजराईल’ है। मौत भी अल्लाह की एक मखलूक है।
40 तरह का सदक़ा, कुछ हदीसें: जिस दिल मे कंजूसी है उस मे ईमान नही: बन्दे के दिल मे कभी कंजूसी और ईमान एक साथ जमा नही हो सकते।
अल्लाह के 99 नाम और उनके हिंदी मतलब दिये गये है। इस्लाम धर्म की मान्यता के अनुसार अल्लाह पाक के 99 नाम ये है।…
हजरत उमर इब्न अल-खत्ताब हजरत मुहम्मद साहब के प्रमुख चार सहाबा (साथियों) में से थे। वो हजरत अबु बक्र के बाद मुसलमानों के दूसरे खलीफा चुने गये।
३०सो पारा की शुरुआत और समाप्ति (Beginning and end of 30 para) कुरान पारा हिंदी में