• नमाज़ का समय भी नमाज़ पढ़ने के लिए जरूरी है, यानी जिस नमाज़ के लिए जो समय रखा गया है, उसी समय वह नमाज़ पढ़नी चाहिए, समय से पहले पढ़ने से नमाज़ नहीं होगी और दोबारा पढ़नी पड़ेगी। समय के बाद नमाज़ क़ज़ा हो जाती है, जिसका सवाब समय पर पढ़ी गयी नमाज़ के बराबर नहीं होता, और समय पर न पढ़ने का गुनाह भी होता है।