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इस्लाम के पहले शहीद-सुमय्या (रज़ि0) व यासिर (रज़ि0) – The First Martyrs In Islam
हदीस शरीफ में अबू हुरैरा (रजि0) से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फरमाया :“अल्लाह के 99 नाम हैं। जो कोई इन नामों को पढ़े, याद करे और उस पर अमल करे तो जन्नत में दाखिल होगा।”
इस्लाम धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:
(1) इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद थे।
(2) हजरत मुहम्मद का जन्म 570 ई. में मक्का में हुआ था।….
मुस्लिम योद्धा जिसकी मृत्यु पर सलीबियों और मंगोलों ने मनाई खुशी फिर अर्मेनिया के बादशाह बिटन की बदकिस्मती कि इस युद्ध के दौरान सुल्तान ने जहां उसके अनगिनत सैनिकों को मौत के घाट उतारा, वहां उसके बेटे को भी ज़िंदा गिरफ्तार कर लिया। अपने बेटे की गिरफ्तारी पर बिटन बड़ा परेशान और बेचैन हुआ। इसलिए …
कैसे सुल्तान रुकनद्दीन बैबर्स ने अंताकिया के पूरे शहर पर विजय प्राप्त की इस किले की सीधी दीवारें घाटियों के किनारे से ऊपर उठाई गई थीं और इनके कोनों पर ऊंची और मजबूत मीनारें ने बना दी गई थी। इन्हीं मीनारों के अंदर बैठकर यहां के सिपाही किले की सुरक्षा करते थे जिसके कारण किले …
बिर्काई खाँन मुसलमान हो गया था इसलिए उसे मुसलमानों से सहानुभूति थी। उसने अपनी सहानुभूति का इज़हार पहली बार उस समय किया जब हलाकू ने बगदाद पर आक्रमण करके शहर को बर्बाद किया।
मंगू खाँन के ज़माने में जो हलाकू खाँन का बड़ा भाई था बिर्काई खाँन और हलाकू खाँन में मेल-जोल रहा। लेकिन बाद मे अत्याधिक मतभेद पैदा हो गए थे। बिर्काई खाँन मुसलमान हो चुका था और कुदरती तौर पर उसे मुसलमानों से सहानुभूति थी। दूसरी तरफ हलाकू खाँन अपने पैतृक धर्म पर कायम था। जबकि उसकी पत्नी ‘दखूज़ा’ की वजह से यूरोप के ईसाई देश भी उसके सहायक हो गए थे और उसकी ईसाई पत्नी तुर्कों के कबीला ‘करेत’ के खाकान की बेटी थी जो नस्तूरी ईसाई था।
इस नवयुवक ने अपने साहसी हमलों से फ्राँसीसी सेना के अंदर एक बड़े पैमाने पर घबराहट पैदा कर दी। यह क्रांति पैदा करने वाला घोड़े पर सवार सुलतान ‘अलमुल्कुस सालेह’ का गुलाम ‘बैबर्स’ ही था।
सुलतान रुकनुद्दीन बैबर्स बहरी वंश में मिस्र का चौथा ममलुक सुल्तान था। वह मिस्र की सेना के कमांडरों में से एक था जिसने फ्रांस के राजा लुई IX को सातवें धर्मयुद्ध मे हराया। उन्होंने 1260 में ऐन जलुत की लड़ाई में मिस्र की सेना का नेतृत्व किया, उसने मंगोल सेना को पहली महत्वपूर्ण हार मे हराया और इसे इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है।