मरीज़ की बीमार पुर्सी पर
मरीज़ की बीमार पुर्सी पर: जब किसी मरीज़ की बीमार पुर्सी करे तो उससे यों कहेला बअ-स तहूरुन इन्शाअल्लाह०तर्जुमा- कुछ हर्ज नहीं इन्शा अल्लाह! यह बीमारी तुम…
दुआ : इस्लाम में, दुआ का शाब्दिक अर्थ अल्लाह से विनती या “आह्वान” है, यह प्रार्थना या अनुरोध की प्रार्थना है। मुसलमान इसे इबादत का गहरा कार्य मानते हैं। मुहम्मद ने कहा है, “दुआ इबादत का सार है।”
मरीज़ की बीमार पुर्सी पर: जब किसी मरीज़ की बीमार पुर्सी करे तो उससे यों कहेला बअ-स तहूरुन इन्शाअल्लाह०तर्जुमा- कुछ हर्ज नहीं इन्शा अल्लाह! यह बीमारी तुम…
दुआ-ए-सय्यिदुल इस्तग़फ़ार: हज़रत शहाद बिन औस रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया कि सय्यिदुल…
छींक आने पर: जब छींक आये तो यों कहे
अल् हम्दु लिल्लाह
तर्जुमा- सब तारीफें अल्लाह के लिए हैं।
इस को सुन कर दूसरा मुसलमान यों कहे…
मुसलमान से मुलाक़ात होने पर: जब किसी मुसलमान से मुलाक़ात हो तो यों सलाम कहे अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह0 मुसाफ़हा करते वक़्त की दुआ, शुक्रिया अदा करते…
हज का तल्बिया: लब्बैक अल्लाहुम-म लब्बैक-लब्बैक ला शरी-क लका लब्बैक. इन्नल हम-दवन्निअ-म-त ल-कवल-मुल-क ला शरी-क लक० अराफ़ात में पढ़ने के लिए:तवाफ़ करते…
जब बारिश होने लगे:जब बारिश होने लगे, तो यह दुआ पढ़ेअल्लाहुम-म सय्यिबन नाफ़िअन0तर्जुमा- ऐ अल्लाह! इस को बहुत बरसने वाला और नफ़ा देने वाला बना। -बुख़ारीजब…
जब नया फल आए: अल्लाहुम-म बारिक लना फ़ी स-म-रिना व बारिक लना फ़ी मदी नतिना व बारिक लना फ़ी साइना व बारिक लना फ़ी मुद्दिना० तर्जुमा- ऐ अल्लाह! हमारे फलों…
महबूब चीज़ देखने पर दुआ: जब अपनी कोई महबूब चीज़ देखे, तो यह पढ़ेअल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी बि नि अमति ही ततिम्मुस्सालिहातु०कुछ गुम होने पर दुआ: कोई चीज़…
माली तरक़्क़ी के लिए: हर क़िस्म की माली तरक़्क़ी के लिए यह दुरूद शरीफ़ है. अल्लाहुम-म- सल्लि अला मुहम्मदिन अब्दि-क व रसूलि-क व अल-ल मुअ मिनी-न वल मुअ…
मजलिस से उठने से पहले यह पढ़ें: सुब्हा न-क अल्लाहुम-म व बिहम्दि-क अश्हदु अल्ला इला-ह इल्ला अन-त अस्तग्फ़िरुका व अतूबु इलैक ०तर्जुमा- ऐ अल्लाह! तू पाक है…