अज़ान की आवाज़ सुनने पर
अश्हदु अल्ला इला-ह इल्लल्लाहु वहद हू ला शरी-क लहू अश्हदु अन-न मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहु रज़ीतु बिल्लाहि रब्बन व बिमुह-म्मदिन रसूलन व बिल इस्लामि दीनन0
तर्जुमा- मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, वह तंहा है, उसका कोई शरीक नहीं और यह भी गवाही देता हूं कि मुहम्मद उसके बन्दे और रसूल हैं। मैं अल्लाह को रब मानने पर और मुझमद को रसूल मानने पर और इस्लाम को दीन मानने पर राज़ी हूं। हदीस शरीफ़ में है कि अज़ान की आवाज़ सुन कर जो शख़्स इसको पढ़े, उसके गुनाह बख्श दिए जाएंगे। -मुस्लिम
हदीस शरीफ़ में है कि जो शख़्स अज़ान देने वाले का जवाब दे, उसके लिए जन्नत है। -हिस्न
इसलिए मुअज्ज़िन (अज़ान देने वाले) का जवाब दे, यानी जो मुअज्ज़िन कहे वही कहता जाए, मगर हयय अलस्सलाः और हय-य अलल फ़लाह के जवाब में ला हौ-ल व ला कू-व-त इल्ला बिल्लाहि कहे। -मिश्कात
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