जब सफ़र का इरादा करें

जब सफ़र का इरादा करें

जब सफ़र का इरादा करे तो यह पढ़ें
jab safar ka irada kare dua

अल्लाहुम-म बि-क असूलु व बि-क अहूलु व बि-क असीरू० 

तर्जुमा- ऐ अल्लाह! मैं तेरी ही मदद से (दुश्मनों पर) हमला करता हूं और तेरी ही मदद से उनको दूर करने की तबीर करता हूं और तेरी ही मदद से चलता हूं। -हिस्ने हसीन 

जब सवार होने लगे और रकाब या पायदान पर क़दम रखे, तो बिस्मिल्लाह कहे और जब जानवर की पीठ या सीट पर बैठ जाए तो अल् हम्दु लिल्लाह कहे, फिर यह आयत पढ़े-
phir ye ayat padhe

सुब्हानल्लज़ी सख्ख-र लना हाज़ा व मा कुन्ना लना लहू मुक्रिनीन व इन्ना इला रब्बिना ल-मुन्क़लिबून0

तर्जुमा- अल्लाह पाक है, जिसने उसको हमारे क़ब्ज़े में दे दिया और हम उसकी कुदरत के बगैर इसे क़ब्ज़े में करने वाले न थे और बिला शुब्हा हमको अपने रब की तरफ़ जाना है। -सूरः जुरब्रुफ़, पारा 25

इसके बाद तीन बार ‘अल हम्दु लिल्लाह‘ और तीन बार ‘अल्लाहु अक्बर‘ कहे, फ़िर यह दुआ पढ़े
phir 3 baar

सुब्हा-न-क इन्नी ज़लम्तु नफ़्सी फ़ग्फ़िर ली फ़ इन-न हू ला यग्फ़िरुज्जुनू-ब इल्ला अन-तo

तर्जुमा- ऐ ख़ुदा! तू पाक है। बेशक मैंने अपने नफ़्स पर जुल्म किया तो मुझे बख़्श दे, क्योंकि सिर्फ़ तू ही गुनाह बख़्शता है। 

इसको पढ़कर मुस्कराना भी मुस्तहब है।

यह सामग्री “Masnoon Duain with Audio” ऐप से ली गई है आप यह एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। हमारे अन्य इस्लामिक एंड्रॉइड ऐप और आईओएस ऐप देखें।

Share this:
error: Content is protected !!