तक्बीरे हरीमा, रुकूअ​, तस्मीअ, तहमीद

तक्बीरे तहरीमा

allahu akbar
takbeer

अल्लाहु अक्बर

तर्जुमा: अल्लाह बहुत बड़ा है।

रुकूअ

अब ‘अल्लाह अक्बर’ कह कर रुकूअ कीजिए, यानी झुक जाइये हाथ की उंगलियों को मिला कर दोनों गुठनों पर मजबूती से रख दीजिये, दोनों बाह बग़ल से खूब मिला कर रखिये और दोनों पैर के टखनों को भी मिला दी जाए, रुकूअ में नज़र अपने क़दमो पर रखिए।

ruku

और कम-से-कम तीन बार कहिए

subhana rabbiyal azeem

सुब्हा न रब्बियल अज़ीम० 

तर्जुमा: पाकी बयान करता हूं मैं अपने परवरदिगार बुजुर्ग की।

तस्मीअ

tasmia

समिअल्लाहु लिमन हमिदह 

तर्जुमा: ‘अल्लाह ने उस बंदे की (बात) सुन ली, जिसने उसकी तारीफ़ की।’

तहमीद

tahmeed

रब-ब-ना लकल हम्दु 

तर्जुमा: ऐ हमारे परवरदिगार! तेरे लिए सब तारीफ़ है। 

सज्दे में तस्बीह

सज्दे में तीन बार पढ़िए।
sazdah

‘सुब्हाना रब्बियल आला’ 

तर्जुमा: पाकी बयान करता हूं अपने परवरदिगार की।

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