दस्तरखान उठाने पर

दस्तरखान उठाने पर

जब दस्तरख्वान उठने लगे तो यह दुआ पढ़े
jab dastarghwan uthane lage

अल् हम्दु लि ल्लाहि हम्दन कसीरन तय्यबम मुबा-रकन फ़ीहि गै-र मुक़फ़ीयिन व ला मुवद्दइन व ला मुस्तग्न न अन्हु रब्बना०

तर्जुमा- सब तारीफें अल्लाह के लिए हैं, ऐसी तारीफ़, जो बहुत हो और पाकीज़ा हो और बरकत वाली हो, ऐ हमारे रब! हम इस खाने को काफ़ी समझ कर या बिल्कुल रुख्सत कर के या उससे ग़ैर-मुहताज होकर नहीं उठा रहे हैं। -बुख़ारी 

दूध पीकर ये दुआ पढ़ें

दूध पीकर यह दुआ पढ़ें
doodth pekar ke dua padhe

अल्लाहुम-म बारिक लना फ़ीहि व ज़िद् ना मिन्हुo

तर्जुमा- ऐ अल्लाह! तू इसमें हमें बर-कत दे और हमको और ज़्यादा दे। -तिर्मिज़ी

जब मेज़बान के घर से चलें

जब मेज़बान के घर से चलने लगे, तो दुआ दे

अल्लाहुम-म बारिक लहुम फ़ीमा रज़क़-तहुम वरिफ़र लहुम वर्हम्हुम०

तर्जुमा- ऐ अल्लाह ! इनकी रोज़ी में बरकत दे और इन को बख़्श दे और इन पर रहम फ़रमा। -मिश्कात

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