मंज़िल पर उतरने पर​

किसी मंज़िल (रेलवे स्टेशन या मोटर स्टैंड) पर उतरे तो पढ़े
kisis manzil per utarne per

अऊजू बिकलिमातिल्लाहत्ताम्माति मिन शर्रि मा ख़लक़० 

तर्जुमा- अल्लाह के पूरे कलिमात के वास्ते से अल्लाह की पनाह चाहता हूं उसकी मख़्लूक़ के शर से। 

इसके पढ़ लेने से कोई चीज़ कूच करने तक नुक़्सान न पहुंचाएगी। -मुस्लिम

समुद्री नाव में सवार होते वक़्त

समुद्री जहाज़ या नाव में सवार हो तो पढ़े
samudri nav me sawar hote waqt

तर्जुमा- अल्लाह के नाम से इसका चलना और ठहरना है, बेशक मेरा परवरदिगार ज़रूर बख्शने वाला और मेहरबान है और काफ़िरों ने ख़ुदा को न पहचाना, जैसा कि उसे पहचानना चाहिए। हालांकि क़ियामत के दिन सारी ज़मीन उसकी मुट्ठी में होगी और आसमान उसके दाहिने हाथ में लिपटे हए होंगे, वह पाक है और उस अक़ीदे से बरतर है जो मुशरिक शिर्क का अक़ीदा रखते हैं। -हिस्ने हसीन

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