ईमान

ईमान दिल से मानने और ज़बान से इकरार करने को ईमान कहते हैं।

ईमाने मुज्मल

imane mujmal

आमन्तु बिल्लाहि कमा हु-व बिअस्मा-इही व सिफ़ातिही व क़बिल्तु जमीअ अहकामिहि इकरा रूम बिल्लिसानि वतस्दीकुम बिल्कलबि

तर्जुमा: मै ईमान लाया अल्लाह पर जैसा कि वोह अपने नामो और अपनी सिफ़्तो के साथ है और मै ने उस के तमाम हुक्मो को कुबूल किया। जबान से इकरार करते हए और दिल से तस्दीक करते हुए।

ईमाने मुफ़स्सल

imane mufassal

आमन्तु बिल्लाहि व मलाइ-कतिही व कुतुबिही व रुसुलिही वल यौमिल आख़िरी वल क़दरि खैरिही व शर्रिही मिनल्लाहि तआला वल बअसि बअद्ल मौत.

तर्जुमा: मै ईमान लाया अल्लाह पर, उस के फरिस्तो पर, उस की किताबो पर, उसके रसूलों पर, आख़िरत के दिन पर और इस बात पर कि जो अंदाज़ा नेकी और बुराई का है अल्लाह तआला की तरफ़ से है और मरने के बाद सबके उठने पर।

यह सामग्री “नमाज़ का तरीक़ा” ऐप से ली गई है आप यह एंड्रॉइड ऐप और आईओएस(आईफोन/आईपैड) ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। हमारे अन्य इस्लामिक एंड्रॉइड ऐप और आईओएस ऐप देखें।

Share this:

Leave a Comment

error: Content is protected !!