क़ुरआन में सज्दा तिलावत कितने है और कहाँ है
क़ुरआन में सज्दा तिलावत कितने है और कहाँ है? सज्दा तिलावत एक ही होता है। जैसे नमाज मे दो होते है वैसे नही। सज्दे तिलावत एक ही होता है।
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क़ुरआन में सज्दा तिलावत कितने है और कहाँ है? सज्दा तिलावत एक ही होता है। जैसे नमाज मे दो होते है वैसे नही। सज्दे तिलावत एक ही होता है।
पैग़म्बर मोहम्मद के बेटे और बेटियों की जानकारी: हज़रत मोहम्मद की चार बेटियाँ और दो बेटे हज़रत खदीजा से थी । और सभी की पैदाइश मक्का में हुई थी। उनके एक बेटे …
इस्लामी कैलेंडर को हिजरी कैलेंडर के नाम से जाना जाता है। हिजरी कैलेंडर की शुरुवात लगभग 1440 साल पहले हुई थी। 622 ईसवी में इस्लामिक नव वर्ष यानी हिजरी …
पैगंबर मुहम्मद के 99 नाम हिंदी में مُحَمَّد ﷺ: अस्मा-ए-मुहम्मद (PBUH), हिन्दी अनुवाद और प्रत्येक नाम के अर्थ के साथ पवित्र पैगंबर मुहम्मद के 99 नामों का…
मौत हो जाने पर: जब आदमी मरने लगे तो उसको चित लिटाकर उसके पैर किल्ले की तरफ कर दो और सर ऊँचा कर दो और उसके पास बैठकर ज़ोर-जोर से कलिमा तैयबा वगैरह पढ़ो…
ईमान: ईमान दिल से मानने और ज़बान से इकरार करने को ईमान कहते हैं। 1. ईमाने मुज्मल: आमन्तु बिल्लाहि कमा हु-व बिअस्मा-इही व सिफ़ातिही व क़बिल्तु जमीअ…
नमाज़ में की जाने वाली कुछ ग़लतियाँ: नमाज़ के तरीके का सही इल्म न होने के कारण हम से नमाज़ में विभिन्न प्रकार की ग़लतियाँ होती रहती हैं। जिनमें से कुछ…
शादी की रस्में: निकाह में जो चीजें फर्ज हैं, वे सिर्फ दो हैं- कम से कम दो गवाहों की मौजूदगी और ईजाब व कुबूल और निकाह का मस्तून तरीका यह है कि आम मज्मे में…
ज़कात: जिस तरह नमाज़, रोज़ा औरतों पर फर्ज है, उसी तरह ज़कात भी फ़र्ज़ है। बहुत-सी औरतें ज़कात फर्ज होने के बावजूद, ज़कात अदा नहीं करतीं और गुनाहगार होती हैं।