किसी को मुसीबत में देखने पर

किसी को मुसीबत में देखने पर

जब किसी को मुसीबत, परेशानी या बुरे हाल में देखे तो यह दुआ पढ़े
ksi ko musibat me dekhne

अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी आफ़ानी मिम्मब्तला-क बिही व फ़ज़्ज़-ल-नी अला क-सी रिम मिम्मन ख़-लक़ तफ़्ज़ीलाo

तर्जुमा- सब तारीफें अल्लाह के लिए हैं, जिसने मुझे इस हाल से बचाया, जिसमें तुझे मुब्तला किया और उसने अपनी बहुत-सी मलूक़ पर मुझे फ़ज़ीलत दी। -हिस्न

उसकी फ़ज़ीलत यह है कि उसके पढ़ लेने से वह मुसीबत या परेशानी पढ़ने वाले को न पहुंचेगी, जिसमें वह मुब्तला था, जिसे देख कर यह दुआ पढ़ी गयी है। -मिश्कात

फ़ायदा- अगर वह शख़्स मुसीबत में मुब्तला हो तो इस दुआ को धीरे से पढ़े ताकि उसे रंज न हो और अगर वह गुनाह में मुब्तला हो तो ज़ोर से पढ़े ताकि उसे सबक़ मिले।

किसी को हँसता देखें

किसी को हंसता देखे तो यों दुआ दे
kisi ko hasta dekhe

अज़्हकल्लाहु सिनन-क। 

तर्जुमा- ख़ुदा तुझे हंसाता रहे। -बुख़ारी व मुस्लिम

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