छींक आने पर
जब छींक आये तो यों कहे
अल् हम्दु लिल्लाह
तर्जुमा- सब तारीफें अल्लाह के लिए हैं।
इस को सुन कर दूसरा मुसलमान यों कहे
यरहमुकल्लाह
तर्जुमा- अल्लाह तुम पर रहम करे।
इसके जवाब में छींकने वाला यों कहे
यहदीकुमुल्लाहु व युस्लिहु बालकुम०
तर्जुमा- अल्लाह तुम को हिदायत पर रखे और तुम्हारा हाल संवार दे। -मिश्कात
जिसे छींक आती हो अगर वह औरत हो, तो जवाब देने वाला –यर्हमुकिल्लाह क पर इ की मात्रा के साथ कहे।
फ़ायदा- अगर छींकने वाला ‘अल् हम्दु लिल्लाह’ न कहे तो उसके लिए यहमुकल्लाह कहना वाजिब नहीं है और अगर अल्-हम्दु लिल्लाह कहे तो वाजिब है। फ़ायदा-छींकने वाले को जुकाम हो या और कोई तक्लीफ़ हो, जिससे छींकें आती ही चली जाएं, तो दो-तीन बार के बाद जवाब देना ज़रूरी नहीं। -मिश्कात
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