जब बादल आता हुआ नज़र आये तो यह पढ़ें
अल्लाहुम-म इन्ना नऊज़ुबि-क मिन शर्रि मा उर्सि-ल बिही अल्लाहुम-म सय्यिबन नाफ़िअन0
तर्जुमा- ऐ अल्लाह! हम किसी चीज़ की बुराई से तेरी पनाह चाहते हैं, जिसे लेकर यह लश्कर भेजा गया है। ऐ अल्लाह ! नफ़ा देने वाली बारिश बरसा। -हिस्ने हसीन
अगर बादल बरसे बगैर खुल जाए तो उस पर अल्लाह का शुक्र अदा करे, (कि अल्लाह पाक ने उस को किसी मुसीबत का ज़रिया नहीं बनाया।) -हिस्न
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