वजू : फ़र्ज़, वाजिब, सुन्नतें, मकरूहात 6 July 20235 August 2022 by jabir ali Table of Contents Toggle वजू के फ़र्ज़वजू के वाजिबवजू की सुन्नतेंवजू के मुस्तहब्बातवजू के मकरूहात वजू के फ़र्ज़ एक बार अच्छी तरह हर अंग को धोना, पूरा चेहरा धोना। दोनों हाथ कुहनियों समेत धोना। टखनों समेत दोनों पांव धोना। चौथाई सर का मसह करना। वजू के वाजिब अंगूठी या छल्ला अगर तंग हो तो उसको घुमाना ताकि पानी उसके नीचे पहुंच जाये वजू की सुन्नतें नीयत करना, बिस्मिल्लाह पढ़ना। तीन बार दोनों हाथ गट्ठों तक धोना। तीन बार कुल्ली करना। तीन बार नाक में पानी डालना। सर का मसह करना। दाढ़ी में खलाल करना, (ताकि कोई बाल सूखा न रह जाये)। उंगलियों का खलाल करना। कानों का मसह करना। हर उज़्व को तीन बार धोना। धोते वक़्त हाथ से मलना। तर्तीब से वजू करना। लगातार करना, यानी धोने में इतनी देर न करना कि जो उज़्व पहले धो लिया जा चुका है, वह सूख जाए। वजू के मुस्तहब्बात दाएं जानिब से शुरू करना।गरदन पर मसह करना।नमाज़ के वक़्त से पहले वजू करना।क़िब्ले की तरफ रुख करके बैठना।पाक और ऊंची जगह पर बैठ कर वजू करना। वजू के मकरूहात वजू करते वक़्त दुनिया की बातें करना।ज्यादा पानी बहाना।नापाक जगह पर वजू करना।सीधे हाथ से नाक साफ़ करना।सुन्नत के खिलाफ़ वजू करना।हर उज़्व को तीन बार से ज्यादा धोना। यह सामग्री “नमाज़ का तरीक़ा” ऐप से ली गई है। आप यह एंड्रॉइड ऐप और आईओएस(आईफोन/आईपैड) ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। हमारे अन्य इस्लामिक एंड्रॉइड ऐप और आईओएस ऐप देखें। Post Views: 2,588 Share this: