सफ़र को चलते वक़्त
तर्जुमा- ऐ अल्लाह! हम तुझसे इस सफ़र में नेकी और परहेज़गारी का सवाल करते हैं और उन आमाल का सवाल करते हैं, जिनसे आप राज़ी हों। ऐ अल्लाह! हमारे इस सफ़र को हम पर आसान फ़रमा दे और इस का रास्ता जल्दी-जल्दी तय करा दे। ऐ अल्लाह! तू सफ़र में हमारा साथी है और हमारे पीछे घर-बार का कारसाज है। ऐ अल्लाह! मैं तेरी पनाह चाहता हूं सफ़र की मशक़्क़त और घर-बार में बुरी वापसी से और बुरी हालत के देखने से और बनने के बाद बिगड़ने से और मज़लूम की बद-दुआ से।
फ़ायदा- सफ़र को रवाना होने से पहले अपने घर में दो रक्अत नमाज़ नफ़्ल पढ़ना भी मुस्तहब है। -किताबुल अज़्कार (नबवी)
फ़ायदा- जब बुलंदी पर चढ़े तो ‘अल्लाहु अक्बर’ पढ़े और जब बुलंदी से नीचे उतरे तो ‘सुब्हानल्लाह’ कहे और जब किसी पानी बहने के नशेब में गुज़रे तो ‘ला इला-ह इल्ल-ल्लाहु वल्लाहु अक्बर’ पढ़े। अगर सवारी का पैर फिसल जाए या ऐक्सीडेंट हो जाए तो ‘बिस्मिल्लाह’ कहे। -हिस्न
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