पीने का बयान

पानी या कोई और चीज़ बैठ कर पिए और ऊंट की तरह एक सांस में न पिएं, बल्कि दो या तीन सांसों में पिये और बर्तन में सांस न ले, न फूंक मारे और जब पीने लगे तो बिस्मिल्लाह पढ़े -मिश्कात 

पानी पीने से पहले की दुआः

pani peene se pahle ki dua

‘बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम’ 

तर्जुमा: ‘शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत ही रहम वाला है।’ 

पानी पीने के बाद की दुआः

pani peene ke baad ki dua

तर्जुमा: सब खूबियां अल्लाह को, जो सारे जहान वालों का मालिक है।

ज़मज़म का पानी पीकर यह दुआ पढ़ें

zamzam ka pani pekar ye dua padhe

अल्लाहुम-म इन्नी अस् अलु-क इल्मन नाफ़ि अंव व रिज़कंव वासिअंव व शिफ़ाअम मिन कुल्लि दाइन0 

तर्जुमा- ऐ अल्लाह! मैं तुझ से नफ़ा देने वाले इल्म और फैली रोज़ी का सवाल करता हूं, और हर रोग से सेहत पाने का सवाल करता हूं। -हिस्न

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