अत्तहीयातु लिल्लाहि वस्स-लवातु वतय्यिबातु अस्सलामु अलै-क अय्युहन्नबीयु व रह-मतुल्लाहि व ब-र-कातुहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस्सालिही न अश्हदु अल्लाइलाह इल्लल्लाहु व अश्हदुअन-न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहू०
तर्जुमा:तमाम इबादतें, जो जुबान के ज़रिए होती हैं, अल्लाह के लिए हैं और तमाम इबादतें जो बदन के ज़रिये होती हैं और तमाम इबादतें जो माल के ज़रिए होती हैं, (अल्लाह के लिए हैं।) सलाम हो आप पर ऐ नबी! और रहमत हो अल्लाह की और उसकी बरकतें। सलाम हो हम पर और बन्दों पर अल्लाह के, जो नेक हैं। मैं गवाही देता हूं की नहीं कोई माबूद सिवा अल्लाह के और गवाही देता हूं मैं की मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) अल्लाह के बंदे और उसके रसूल हैं।