Table of Contents
Toggleआयतुल कुर्सी हिंदी में
आयतुल कुर्सी जिसको की एक चौथाई कुरान कहा जाता है। जो इंसान फ़ज्र की नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ता है, उसके लिए जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं।
बिसमिल्ला हिर रहमानिर रहीम
- अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू
- अल हय्युल क़य्यूम
- ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नौम
- लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल अर्ज़
- मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला बि इजनिह
- यअलमु मा बैना अयदी हिम वमा खल्फहुम
- वला युहीतूना बिशय इम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा..अ
- वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल अर्ज़
- वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा
- वहुवल अलिय्युल अज़ीम
Ayatul Kursi Video
आयतुल कुर्सी का तर्जुमा
आयतल कुर्सी ( Ayatul Kursi ) सूरह बक़रह की 255 नम्बर आयत है।
अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।
- अल्लाह जिसके सिवा कोई माबूद नहीं
- वही हमेशा जिंदा और बाकी रहने वाला है
- न उसको ऊंघ आती है न नींद
- जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सब उसी का है
- कौन है जो बगैर उसकी इजाज़त के उसकी सिफारिश कर सके
- वो उसे भी जनता है जो मख्लूकात के सामने है और उसे भी जो उन से ओझल है
- बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहाता नहीं कर सकते सिवाए उन बातों के इल्म के जो खुद अल्लाह देना चाहे
- उसकी ( हुकूमत ) की कुर्सी ज़मीन और असमान को घेरे हुए है
- ज़मीनों आसमान की हिफाज़त उसपर दुशवार नहीं
- वह बहुत बलंद और अज़ीम ज़ात है
इस आयत में 10 वाक्य हैं: –
१. अल्लाह जिसके सिवा कोई माबूद नहीं
इस में अल्लाह इसमें ज़ात है जिस के मानी हैं वो ज़ात जिस के अन्दर तमाम कमाल पाए जाते हों और तमाम बुराइयों से पाक हो और उस के सिवा कोई माबूद नहीं।
२. वही हमेशा जिंदा और बाकी रहने वाला है
हय्य के मानी अरबी ज़ुबान में जिसको कभी मौत न आये हमेशा जिंदा रहने वाला,
और कय्यूम के मानी हैं जो खुद कायम रहे और दूसरों को भी कायम रखता और संभालता हो।
और कय्यूम अल्लाह तआला की ख़ास सिफत है जिस में कोई भी उस का शरीक नहीं,
क्यूंकि जो चीज़ें अपने बाक़ी रहने में दुसरे की मोहताज हों वो किसी दुसरे को क्या संभाल सकती हैं।
इसलिए किसी इंसान को क़य्यूम कहना जाएज़ नहीं बल्कि अब्दुल कय्यूम ( कय्यूम का बंदा ) कहना चाहिए।
जो लोग अब्दुल कय्यूम की जगह सिर्फ कय्यूम बोलते हैं गुनाहगार होते हैं।
३. न उसको ऊंघ आती है न नींद
अल्लाह के सहारे ही सारी कायनात कायम है।
इसलिए एक आम इंसान का ख़याल इस तरफ जा सकता है कि जो ज़ात इतना बड़ा काम कर रही है उसे भी किसी वक़्त थकान होना चाहिए, और कोई वक़्त आराम और नींद के लिए चाहिए।
लेकिन इस जुमले में महदूद और अदना सा इल्म रखने वाले इंसान को बता दिया गया कि अल्लाह को अपने जैसा न समझे।
उसकी कुदरत के सामने ये काम कुछ मुश्किल नहीं और उस की ज़ात नींद और थकान से बरी है।
४. जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सब उसी का है
जिसका मतलब है तमाम चीज़ें जो ज़मीन और आसमान में हैं सब अल्लाह की ही मिलकियत में हैं वो जिस तरह चाहे उस में तसर्रुफ़ करे।
५. कौन है जो बगैर उसकी इजाज़त के उसकी सिफारिश कर सके
मतलब ऐसा कौन है जो उस के आगे किसी की सिफारिश कर सके।
हाँ कुछ अल्लाह के मकबूल बन्दे हैं जिनको ख़ास तौर पर बात करने की और शिफारिश की इजाज़त दी जाएगी।
लेकिन बगैर इजाज़त के कोई सिफारिश नहीं कर सकता।
६ .वो उसे भी जनता है जो मख्लूकात के सामने है और उसे भी जो उन से ओझल है
यानी अल्लाह उन लोगों के आगे पीछे के तमाम हालात जानता है।
यहाँ आगे पीछे का मतलब ये हो सकता है कि उनके पैदा होने के पहले और पैदा होने के बाद के हालत अल्लाह जानता है।
और इसका मतलब ये भी हो सकता है कि वो हालात जो इंसान के सामने हैं खुले हुए है और पीछे का मतलब वो हालात जो छुपे हुए हैं।
७. बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहाता नहीं कर सकते सिवाए उन बातों के इल्म के जो खुद अल्लाह देना चाहे
इंसान और तमाम मख्लूकात अल्लाह के इल्म के किसी एक हिस्से तक भी नहीं पहुँच सकते।
मगर अल्लाह ही जिसको जितना इल्म अता करना चाहें सिर्फ उतना ही इल्म उसको मिल सकता है।
८. उसकी ( हुकूमत ) की कुर्सी ज़मीन और असमान को घेरे हुए है
उसकी कुर्सी इतनी बड़ी है कि उस में सातों ज़मीन और सातों आसमान समाये हुए हैं।
इस किस्म की आयत को इंसान अपने ऊपर कयास न करे क्यूंकि अल्लाह की कुदरत को समझ पाना इंसान की समझ से बाहर है।
९. ज़मीनों आसमान की हिफाज़त उसपर दुशवार नहीं
अल्लाह को ज़मीन व आसमान की हिफाज़त कोई बोझ महसूस नहीं होती बल्कि उसकी कुदरत के सामने ये आसान चीज़ें हैं।
१०. वह बहुत बलंद और अज़ीम ज़ात है
यानि वो आली शान और अजीमुश शान है . पिछले नौ जुमलों में अल्लाह की जातो सिफ़ात के कमालात बयान हुए हैं।
उनको देखने और समझने के बाद हर अक्ल वाला इंसान यही कहने पर मजबूर है कि हर इज्ज़त, अजमत, बलन्दी व बरतरी सिर्फ अल्लाह ही को ज़ेबा है।
Ayatul Kursi in Arabic
Ayatul Kursi in English
BisMilla Hir Rahmanir Raheem
- Allahu La Ilaha Illa Hu
- Al Hayyul Qayyoom
- La Ta Khuzuhu Sinatuw Wala Naum
- Lahu Ma Fis Samawati Wama Fil Arz
- Man Zal Lazi Yashfau Indahu Illa Bi Iznih
- Ya Alamu Ma Baina Aideehim Wama Khalfahum
- Wala Yuheetoona Bishay’im Min Ilmihi Illa Bima Shaa…A
- Wasia Kursiy yuhus Samawati Wal Arz
- Wala ya ooduhu hifzuhuma
- Wahuwal aliyyul azeem
Ayatul Kursi English Translation
BisMilla Hir Rahmanir Raheem
Allah! There is no God but he, the Living, the Sustainer Slumber taketh hold of Him not, nor sleep.
His is whatsoever is in the heavens and whatsoever is on the earth.
Who is he that shall intercede With Him except with His leave!
He knoweth that which was before them and that which shall he after them, and they encompass not aught of His knowledge save that which He willeth.
His throne comprehendeth the heavens and the earth, and the guarding of the twain wearieth Him not.
And He is the High, the Supreme.
Ayatul Kursi Urdu Tarjuma
خدا (وہ معبود برحق ہے کہ) اس کے سوا کوئی عبادت کے لائق نہیں زندہ ہمیشہ رہنے والا اسے نہ اونگھ آتی ہے نہ نیند جو کچھ آسمانوں میں اور جو کچھ زمین میں ہیں سب اسی کا ہے کون ہے جو اس کی اجازت کے بغیر اس سے (کسی کی) سفارش کر سکے جو کچھ لوگوں کے روبرو ہو رہا ہے اور جو کچھ ان کے پیچھے ہوچکا ہے اسے سب معلوم ہے اور وہ اس کی معلومات میں سے کسی چیز پر دسترس حاصل نہیں کر سکتے ہاں جس قدر وہ چاہتا ہے (اسی قدر معلوم کرا دیتا ہے) اس کی بادشاہی (اور علم) آسمان اور زمین سب پر حاوی ہے اور اسے ان کی حفاظت کچھ بھی دشوار نہیں وہ بڑا عالی رتبہ اور جلیل القدر ہے (255)
Ayatul Kursi in Deutsch
Ayatul Kursi in French
Ayatul Kursi in Indonesian
Ayatul Kursi in Malaysian
Ayatul Kursi in Spanish
Ayatul Kursi in Turkish
Allah, O`ndan başka tanrı yoktur; O, diridir, kayyûmdur. Kendisine ne uyku gelir ne de uyuklama. Göklerde ve yerdekilerin hepsi O`nundur. İzni olmadan O`nun katında kim şefaat edebilir? O, kullarının yaptıklarını ve yapacaklarını bilir. (O`na hiçbir şey gizli kalmaz.) O`nun bildirdiklerinin dışında insanlar O`nun ilminden hiçbir şeyi tam olarak bilemezler. O`nun kürsüsü gökleri ve yeri içine alır, onları koruyup gözetmek kendisine zor gelmez. O, yücedir, büyüktür.