नियत कुर्बानी
नियत कुर्बानी: इन्नी वज्जहतू वजहि-य लिल्लज़ी फ-त-रस्समावाति वल अर्द्ध ह नीफवं व मा अना मिनल मुशरिकीन० इन्न सलाती व नुसुकी व म ह्या-य व म-माती लिल्लाही…
दुआ : इस्लाम में, दुआ का शाब्दिक अर्थ अल्लाह से विनती या “आह्वान” है, यह प्रार्थना या अनुरोध की प्रार्थना है। मुसलमान इसे इबादत का गहरा कार्य मानते हैं। मुहम्मद ने कहा है, “दुआ इबादत का सार है।”
नियत कुर्बानी: इन्नी वज्जहतू वजहि-य लिल्लज़ी फ-त-रस्समावाति वल अर्द्ध ह नीफवं व मा अना मिनल मुशरिकीन० इन्न सलाती व नुसुकी व म ह्या-य व म-माती लिल्लाही…
दुआए अक़िक़ा : अल्लहुम्मा हाज़िही अकीक़तु बिन्ती द-मुहा बी-द मिहा व लहमुहा बि-लह मिहा व अज़मुहा बि-अज़ मिहा व जिल्दुहा बि-जिल्दिही व शअरुहा बि-शअरिहा…
रोज़ा रखने की नीयत: ‘व बि सौमि गदिन न-वय-तु मिन शहरि र-म-ज़ा-न’
तर्जुमा- मैंने रमज़ान के कल के रोज़े की नीयत की।
रोज़ा खोलने की दुआ:
छह कलिमा: हर मुसलमान को छ: कलमे जरुर याद होने चाहिए। पहला कलमा तय्यब: ला इला-ह इल्लल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह तर्जुमाः अल्लाह के सिवा कोई इबादत के…
अज़ान की बाद की दुआ: अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़िहिद दअ-वातिताम्मति वस्सलातिल काइमति आति मुहम्म-द-निलवसी लता वल फ़ज़ी-ल-त वद्द-र-ज तर्रफ़ी-अ-त वब्-असहु …
अज़ान व अकामत : फ़र्ज़ नमाज़ो से पहले अज़ान देना सुन्नते मुअक्किदा है। जो शख़्स अज़ान दे, उसे चाहिए कि ऊँची जगह , क़िबला कि तरफ मुँह करके खड़ा हो, अपनी …
मुसीबत के वक़्त की दुआ: जब किसी मुसीबत व बला या खौफनाक असर के होने या आने का अन्देशा हो या बहुत बड़ी मुसीबत में गिरफतार हो जायें तो कसरत से इसका विर्द रखें।
पाँचों नमाज़ों के बाद के अमलियात* इशा की नमाज़ के बाद सौ बार पढ़ें: हुवल्लतीफुलखबीरतर्जुमा: वह पूरी तरह से और अच्छी तरह से सूचित है यानी मामूली से…
Dua-e-Ganj Ul Arsh: One of the many beneficial duas. For Rizq & Wealth | Save from Magic & Evil Eye Enemy. बुज़ुर्गाने दीन से मन्कूल दुआओं में से एक दुआ है।
Durood-e-Taj in an easy-to-read version just like the paperback edition.It also comes with simple and easy-to-read Urdu translation with a font that is…