क़र्ज़दार क़र्ज़ा अदा कर दे
क़र्ज़दार क़र्ज़ा अदा कर दे तो उस को यह दुआ दे: औफ़ै तनी ओफ़ल्लाहु बि-क०तर्जुमा- तूने मेरा क़र्ज़ अदा कर दिया, अल्लाह तुझे (दुनिया व आख़िरत में) बहुत दे।…
दुआ : इस्लाम में, दुआ का शाब्दिक अर्थ अल्लाह से विनती या “आह्वान” है, यह प्रार्थना या अनुरोध की प्रार्थना है। मुसलमान इसे इबादत का गहरा कार्य मानते हैं। मुहम्मद ने कहा है, “दुआ इबादत का सार है।”
क़र्ज़दार क़र्ज़ा अदा कर दे तो उस को यह दुआ दे: औफ़ै तनी ओफ़ल्लाहु बि-क०तर्जुमा- तूने मेरा क़र्ज़ अदा कर दिया, अल्लाह तुझे (दुनिया व आख़िरत में) बहुत दे।…
शबे क़द्र की दुआ यह है: अल्लाहुम-म इन्न-क उफ़ूवुन तुहिब्बुल अफ़ व फ़अफु अन्नीतर्जुमा- ऐ अल्लाह! बेशक तू माफ़ करने वाला है, माफ़ करने को पसन्द करता है, इस…
जब कोई परेशानी हो तो यह दुआ पढ़ेअल्लाहुम-म रहम-त-क अर्जू फ़ला तकिल्नी इला नफ़्सी तर्फ़-त ऐ निंव व अस्लिह शानी कुल्लहू ला इला-ह इल्ला अन-त० …
जब कब्रिस्तान में जाए: जब कब्रिस्तान में जाए तो यह पढ़ेअस्सलामु अलैकुम या अहल ल कुबूरि यग्फ़िरुल्ला हु लना व लकुम अन्तुम स-ल-फुना व नहनु बिल-अ-सरिo
जब सफर में सुबह हो: सफ़र में जब सुबह का वक़्त हो तो यह पढ़ेसमि-अ सामिउम बिहम्दिल्लाहि व निअमतिही व हुस्नी बलाइ ही अलैना रब्बना साहिब-ना व अफ़ज़िल अलैना…
सफर से वापस होने के आदाब: जब सफ़र से वापस होने लगे, तो सवारी पर बैठ कर सवारी की दुआ पढ़ने के बाद वह दुआ पढ़े, जो सफ़र को रवाना होते वक़्त पढ़ी थी, यानी…
सफर से वापसी पर: सफ़र से वापस होकर जब अपने शहर या बस्ती में दाख़िल हों तो पढ़ेआइबू-न ताइबू-न आबिदू-न लिरब्बि ना हामिदून।तर्जुमा- हम लौटने वाले हैं, तौबा…
मुसाफ़िर के जाने पर: मुसाफ़िर के जाने पर यह दुआ देंअल्लाहुम-म अतविलहुल बुअ-द व हव्विन अलैहिस्स-फ़-र०तर्जुमा- ऐ अल्लाह! उस के सफ़र का रास्ता जल्दी तय करा दे…
सफ़र को चलते वक़्त: तर्जुमा- ऐ अल्लाह! हम तुझसे इस सफ़र में नेकी और परहेज़गारी का सवाल करते हैं और उन आमाल का सवाल करते हैं, जिनसे आप राज़ी हों। ऐ …
जब सफ़र का इरादा करें: अल्लाहुम-म बि-क असूलु व बि-क अहूलु व बि-क असीरू० तर्जुमा- ऐ अल्लाह! मैं तेरी ही मदद से (दुश्मनों पर) हमला करता हूं और तेरी ही मदद से…