ज़कात सदका कुरबानी हज

sadka fitr or qurbani hujj

ज़कात​: जिस तरह नमाज़, रोज़ा औरतों पर फर्ज है, उसी तरह ज़कात भी फ़र्ज़ है। बहुत-सी औरतें ज़कात फर्ज होने के बावजूद, ज़कात अदा नहीं करतीं और गुनाहगार होती हैं।

छह कलिमा

six kalima

छह कलिमा: हर मुसलमान को छ: कलमे जरुर याद होने चाहिए। पहला कलमा तय्यब​: ला इला-ह इल्लल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह तर्जुमाः अल्लाह के सिवा कोई इबादत के…

जुमा

juma ki namaz

जुमा के दिन जुह के चार फ़र्जी के बजाए नमाज़ जुमा दोगाना अदा किया जाता है। जुमा की नमाज़ सिर्फ़ बड़ी मस्जिद में ही अदा की जा सकती है। हर मस्जिद में जुमा…

मस्बूक

masbuq

मस्बूक़: एक या दो रक्अत के बाद जमाअत में शरीक होने वाला।​ जमाअत से नमाज़ पढ़ने के लिए आप मस्जिद में ऐसे वक़्त पहुंचे, जैसे अस्र की नमाज़ की एक या दो रक्अतें…

मुफ्सिदाते, मकरूहाते नमाज़

mufsidate maqruhate namaz

मुफ्सिदाते, मुस्तहब्बाते नमाज़​: इन चीज़ो के करने से नमाज़ फ़ासिद हो जाती है: बात करना: ख़्वाह थोड़ी हो या बहुत, कस्दन हो या भूल कर। ज़बान से सलाम करना या …

नमाज़ के फ़र्ज़

namaz-ke-farz

नमाज़ के फ़र्ज़​: वजू या गुस्ल, पाक कपड़े, पाक जगह… नमाज़ के वाजिब: फ़र्ज़ नमाज़ों की पहली दो रक्अतों में किरात, फ़र्ज़ नमाज़ों की हर रक्त में सूर: फ़ातिहा पढ़ना

फ़ज़ाइले कुरआन मजीद

adabe-tilawate-quran

फ़ज़ाइले कुरआन मजीद: क़यामत के दिन पढ़ने वाले की सिफारिश करेगा। हर हर्फ़ पर दस नेकियाँ मिलेंगी। आदाबे तिलावते कुरआन पाक: पाक साफ़ होना। बावुजू होना। अदब …

सोने के आदाब

sone-ke-adaab

सोने के आदाब: इशा की नमाज़ पढ़ कर जल्दी सोने की कोशिश करना। बावुजू सोना। तीन मर्तबा बिस्तर झाड़ लेना। सुरमा लगाकर सोना।…

फ़र्ज़ किसको कहते हैं?

farz-kise-kahte-hai

फ़र्ज़ किसको कहते हैं?​ फ़र्ज़ वह इबादत है जो यक़ीनी दलील से साबित हो। यानी उसके सुबूत में कोई शुबहा न हो। फ़र्ज़ का इन्कार करने वाला काफ़िर हो जाता है। और बगैर उज़ के छोड़ने वाला फ़ासिक और अज़ाब का मुस्तहिक़ है।

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