इस्लामिक महीनों के नाम

इस्लामी 12 महीनों के नाम हिंदी में, Islamic Mahino Ke Naam in English और اسلامی مہینو کے نام اردو میں

इस्लामी कैलेंडर को हिजरी कैलेंडर के नाम से जाना जाता है। हिजरी कैलेंडर की शुरुवात लगभग 1440 साल पहले हुई थी। 622 ईसवी में इस्लामिक नव वर्ष यानी हिजरी कैलेंडर की शुरुआत हुई। इस्लाम धर्म के दूसरे खलीफा हजरत उमर फारुख रजि. की सलाह से इस कैलेण्डर की शुरुवात की गई।

हजरत मुहम्मद साहब (ﷺ) के पवित्र शहर मक्का से मदीना जाने के समय को हिजरी सन कहा जाता है। साथ ही इस्लामी साल का आरंभ भी माना जाता है।

क्र. सं.हिंदी मेंEnglishउर्दू
1मुहर्रमMuharramمُحَرَّم
2सफ़रSafarصَفَر
3रबीउल अव्वलRabiul Awwalرَبِيع ٱلْأَوَّل
4रबीउल आखिरRabiul Akhirربيع الثاني or رَبِيع ٱلْآخِر
5जमादी-उल-अव्वलJamadi-ul-Awwalجُمَادَىٰ ٱلْأُولَىٰ
6जुमादा अल-आखिरJumaada Al-Akhirجمادى الآخر أو جمادى الثاني
7रजबRajabرَجَب
8शाबानShabanشَعْبَان
9रमजानRamzanرَمَضَان
10शव्वालShawwalشَوَّال
11ज़िल क़ादाZil Qadahذُو ٱلْقَعْدَة
12ज़िल हिज्जाZil Hijjaذُو ٱلْحِجَّة

इन सभी महीनों में, रमजान का महीना, सबसे जादा इबादत का महीना माना जाता है। मुस्लिम लोगों को इस महीने में पूरी सादगी से रहना होता है।

और सबसे अफजल रबी अल-अव्वल का महीना माना जाता है। प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम इसी महीने पैदा हुए थे।

इस हिजरी कैलेंडर में 1 साल में में बारह महीने, या 354 या 355 दिन होते हैं। इस्लामिक नए दिन की शरुआत गुरूब आफ़ताब यानी सूरज डूबने के बाद से शुरू हो जाती है।

‘मुहर्रम’ इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने का नाम है। इस्लाम में आखिरी महीना जिल हिज्जा का है।

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