हजरत खालिद बिन वलीद-25

Hazrat khalid win walid

दौमतुल जंदल की जीत के बाद, हजरत खालिद (रज़ी अल्लाहू अनहू) इराक के मोर्चे पर लौट आये। इस समय तक, फारसियों ने अधिक सेना बलों को इकठ्ठा कर लिया था

हजरत खालिद बिन वलीद-24

Hazrat khalid win walid

दौमतुल जंदल, एक महान सामरिक महत्व का स्थान था। यह इराक और सीरिया की सीमा पर स्थित था, और मध्य अरब, इराक और सीरिया के मार्गों का मिलन स्थल था।

हजरत खालिद बिन वलीद-23

Hazrat khalid win walid

हजरत खालिद (रज़ी अल्लाहू अनहू) ने जबरकान बिन बद्र की कमान के तहत अनबर में एक दस्ते छोड़ दिया, और खुद मुख्य मुस्लिम सेना के साथ आगे बढ़ गये।

हजरत खालिद बिन वलीद-22

Hazrat khalid win walid

हीरा की विजय के साथ, हजरत खालिद (रज़ी अल्लाहू अनहू) ने वह उद्देश्य पूरा कर लिया था, जिसके लिए खलीफा हजरत अबू बकर (रज़ी अल्लाहू अनहू) ने उन्हें इराक़ भेजा था।

हजरत खालिद बिन वलीद-21

Hazrat khalid win walid

जब हजरत खालिद बिन वालिद (रज़ी अल्लाहू अनहू) को इराक में कारवाई करने के लिए कहा गया, तो उन्हें हीरा को विजय करने के लिए हजरत अबू बकर (रज़ी अल्लाहू अनहू)…

हजरत खालिद बिन वलीद-20

Hazrat khalid win walid

वालजा की हार ने फारस साम्राज्य की नीव हिला दी थी। फारस सम्राट ने बहमान को आदेश दिया कि वो फारस साम्राज्य के अधीन अरबों के सेना के साथ को लेकर मुस्लिम…

हजरत खालिद बिन वलीद-19

Hazrat khalid win walid

मजार में फारसियों की हार के बाद, फारसी सम्राट अर्दशीर ने मुसलमानों के खिलाफ लड़ने के लिए दो और फारसी सेनाओं को इकट्ठा होने का आदेश दिया।

हजरत खालिद बिन वलीद-18

Hazrat khalid win walid

कज़िमा की लड़ाई जीतने के बाद, हजरत खालिद (रज़ी अल्लाहू अनहू) ने कुछ दिनों के लिए अपने आदमियों को आराम दिया और फिर इराक में आगे बढ़ गये।

हजरत खालिद बिन वलीद-17

Hazrat khalid win walid

मुहर्रम, 12 हिजरी को हजरत खालिद (रज़ी अल्लाहू अनहू) यमामा से इराक़ के लिए निकले। खलीफा हजरत अबु बकर (रज़ी अल्लाहू अनहू) ने हजरत खालिद (रज़ी अल्लाहू अनहू)…

हजरत खालिद बिन वलीद-16

Hazrat khalid win walid

जब विश्व मंच पर इस्लाम का उदय हुआ, तब तत्कालीन विश्व पर दो शक्तियों का प्रभुत्व था, पूर्व में बीजान्टियम (रोमन साम्राज्य) और पश्चिम में फारस साम्राज्य।

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