नमाज़ में की जाने वाली कुछ ग़लतियाँ
नमाज़ में की जाने वाली कुछ ग़लतियाँ: नमाज़ के तरीके का सही इल्म न होने के कारण हम से नमाज़ में विभिन्न प्रकार की ग़लतियाँ होती रहती हैं। जिनमें से कुछ…
Namaz
नमाज़ में की जाने वाली कुछ ग़लतियाँ: नमाज़ के तरीके का सही इल्म न होने के कारण हम से नमाज़ में विभिन्न प्रकार की ग़लतियाँ होती रहती हैं। जिनमें से कुछ…
अज़ान व अकामत : फ़र्ज़ नमाज़ो से पहले अज़ान देना सुन्नते मुअक्किदा है। जो शख़्स अज़ान दे, उसे चाहिए कि ऊँची जगह , क़िबला कि तरफ मुँह करके खड़ा हो, अपनी …
जुमा के दिन जुह के चार फ़र्जी के बजाए नमाज़ जुमा दोगाना अदा किया जाता है। जुमा की नमाज़ सिर्फ़ बड़ी मस्जिद में ही अदा की जा सकती है। हर मस्जिद में जुमा…
मस्बूक़: एक या दो रक्अत के बाद जमाअत में शरीक होने वाला। जमाअत से नमाज़ पढ़ने के लिए आप मस्जिद में ऐसे वक़्त पहुंचे, जैसे अस्र की नमाज़ की एक या दो रक्अतें…
दो रकअत वाली नमाज़, तीन या चार रक्अतों वाली नमाज़, तीन रक्अत वाली नमाज़, चार रक्अत वाली नमाज़ चित्र के साथ
जमाअत व इमामत का बयान,किराअत का बयान,इन वक्तों में कोई नमाज़ न पढ़ी जाए: सूरज निकलते वक्त सूरज डूबते वक्त, हाँ उस दिन की फ़र्ज़ नमाज़ अस्र कज़ा हो रही हो…
मुफ्सिदाते, मुस्तहब्बाते नमाज़: इन चीज़ो के करने से नमाज़ फ़ासिद हो जाती है: बात करना: ख़्वाह थोड़ी हो या बहुत, कस्दन हो या भूल कर। ज़बान से सलाम करना या …
नमाज़ का तरीका: सबसे पहले वजू करें, नहाने की जरुरत हो, तो नहा लीजिए, अगर जमाअत का समय हो, तो मस्जिद में जाकर इमाम साहब के पीछे, नमाज़ पढ़िए, जमाअत से…
पाँचों नमाज़ों के बाद के अमलियात* इशा की नमाज़ के बाद सौ बार पढ़ें: हुवल्लतीफुलखबीरतर्जुमा: वह पूरी तरह से और अच्छी तरह से सूचित है यानी मामूली से…
नमाज़ के फ़र्ज़: वजू या गुस्ल, पाक कपड़े, पाक जगह… नमाज़ के वाजिब: फ़र्ज़ नमाज़ों की पहली दो रक्अतों में किरात, फ़र्ज़ नमाज़ों की हर रक्त में सूर: फ़ातिहा पढ़ना