जब बाज़ार में दाखिल हों

dua jab bazar me dakhil hoo

जब बाज़ार में दाखिल हों​: जब बाज़ार में दाखिल हों तो यह पढ़ें- ला इला-ह इल्लल्लाहु वह्द हू ला शरी-क लहू लहुल मुल्कु व लहुल हम्दु युह यी व युमीतु व हु-व …

घर में दाखिल होने और घर से निकलने पर

dua-ghar-me-dakhil-hone-or-nokalne-per

घर में दाखिल होने और घर से निकलने पर: अल्लाहुम-म इन्नी अस्अलु-क खैरल मौलजि व खैरल मरव्रजि बिस्मल्लाहि व लज्जा बिस्मिल्लाहि ख़रज्जा व अलल्लाहि रब्बिना…

फ़ज्र और मग़रिब के बाद की दुआ

fajr-aur-magarib-ke-baad-kee-dua​

फ़ज्र और मग़रिब के बाद की दुआ: हज़रत मुस्लिम तमीमी रज़ियल्लाहु अन्ह से रसूले अकरम सल्ल. ने इर्शाद फ़रमाया कि मग़रिब की नमाज़ से फ़ारिश होकर किसी से बात…

चाश्त की नमाज़ के बाद

chast-ki-namaz-ke-baad

चाश्त की नमाज़ के बाद यह दुआ पढ़े: अल्लाहुम-म बि-क उहाविलु व बि-क उसाविलु व बिक उक़ातिलु। तर्जुमा- ऐ अल्लाह! मैं तुझी से अपने मक़ासिद की कामियाबी तलब…

अज़ान की आवाज़ सुनने पर

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अज़ान की आवाज़ सुनने पर: अश्हदु अल्ला इला-ह इल्लल्लाहु वहद हू ला शरी-क लहू अश्हदु अन-न मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहु रज़ीतु बिल्लाहि रब्बन व बिमुह-म्मदिन…

मस्जिद में दाखिल होने और निकलने पर

dua-masjid-me-dakhil-hone-or-nikalne-per

मस्जिद में दाखिल होने पर: रब्बिगफ़िर ली जुनूबी वफ़तह ली अब्वा-ब रहमति-क
तर्जुमा- ऐ रब! मेरे गुनाहों को बख़्श दे और मेरे लिए रहमत के दरवाज़े खोल दे। -मिश्कात

सुबह की नमाज़ के लिए निकलने पर

dua-subah-ki-namaz-ke-liye-nikalne-per

सुबह की नमाज़ के लिए निकलने पर: तर्जुमा- ऐ अल्लाह! मेरे दिल में नूर कर दे और मेरी आंखों में नूर कर दे और मेरे कानों में नूर कर दे और मेरे दाएं नूर कर दे …

वुजू करना

wudu-ke-darmiyan-ki-dua

जब वुजू करना शुरू करे तो पहले’बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम’ कहे यानी ‘शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत ही रहम वाला है।’ कुछ हदीसों में…

पाख़ाने से पहले और बाद की दुआ

pakhane-se-pahle-or-baad-ki-dua

पाख़ाने से पहले और बाद की दुआ: जब पाख़ाने जाए तो दाख़िल होने से पहले ‘बिस्मल्लाह’ कडे (हदीस शरीफ में है कि शैतान की आंखों और इंसान की शर्मगाहों के दर्मियान…

तहज्जुद के लिए उठने पर

dua-tahajjud-ke-liye-udhne-per

तहज्जुद के लिए उठने पर: जब तहज्जुद के लिए उठे तो यह दुआ पढ़ेंऔर आसमान की तरफ़ मुंह उठा कर सूरः आले इमरान का पूरा आख़िरी रुकूअ भी ‘इन-न फ़ी ख़ल्क़ि…

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