जब कब्रिस्तान में जाए​

जब कब्रिस्तान में जाए

जब कब्रिस्तान में जाए तो यह पढ़े
jab kabristan me jaye

अस्सलामु अलैकुम या अहल ल कुबूरि यग्फ़िरुल्ला हु लना व लकुम अन्तुम स-ल-फुना व नहनु बिल-अ-सरिo

तर्जुमा- ऐ क़ब्र वालो! तुम पर सलाम हो, हमें और तुम्हें अल्लाह बख़्शे, तुम हम से पहले चले गये और हम बाद में आने वाले हैं।

या यह पढ़े
ya ye padhe

अस्सलामु अलैकुम अहलद दियारि मिनल मुअ मिनी-न वल मुस्लिमी-न व इन्ना इन शाअल्लाहु बिकुम लाहिकून नसअलुल्ला-ह लना व लकुमुल आफ़ि-यत०

तर्जुमा- ऐ यहां के रहने वाले मोमिनो! और मुसलमानो! तुम पर सलाम हो और हम (भी) इन्शा अल्लाह तुम्हारे पास पहुंचने वाले हैं अपने लिए और तुम्हारे लिए आफ़ियत का सवाल करते हैं। -मुस्लिम

मय्यत के घराने की दुआ

मय्यत के घराने का हर आदमी अपने लिए यों दुआ करे
mayyat ke gharane ki dua

अल्लाहुम-मग्फ़िर्ली व लहू व अअकिन्नी मिन्हु उबा ह-स-न-तन

तर्जुमा- ऐ अल्लाह! मुझे और इसे बख़्श दे और मुझे इस का अच्छा बदला अता फ़रमा। -हिस्न 

मय्यत को तख्ते पर रखते हुए या जनाज़ा उठाते हुए बिस्मिल्लाह करें। 

जब किसी का बच्चा फ़ौत हो जाए तो अलहम्दु लिल्लाह कहे और इन्नालिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन पढ़े। ऐसा करने से अल्लाह तआला फ़रिश्तों से फ़रमाते हैं, मेरे बन्दे के लिए जन्नत में एक घर बना दो और उस का नाम ‘बैतुल हम्द’ रखो। -हिस्न (तिर्मिज़ी) 

यह कलिमात हर मुसीबत में पढ़ने के लिए हैं।

यह सामग्री “Masnoon Duain with Audio” ऐप से ली गई है आप यह एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। हमारे अन्य इस्लामिक एंड्रॉइड ऐप और आईओएस ऐप देखें।

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