
तर्जुमा: शुरू अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है। हर किस्म की सब तारीफ़े अल्लाह के लिए हैं, जो पालने वाला है, तमाम जहानों का, बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला, मालिक है बदले के दिन का। (ऐ अल्लाह !) हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझ ही से मदद मांगते हैं। हमको सीधा रास्ता बता, रास्ता उनका कि इनाम किया तूने उन पर, न उनका कि गुस्सा किया गया उन पर और न गुमराहों का। (इलाही कुबूल फ़रमा)
2. सूरह काफ़िरुन

तर्जुमा: शुरू अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है। आप कहिए, ऐ मुन्किरो! मैं नहीं पूजता उस को, जिस को तुम पूजते हो और न तुम पूजते हो उसको, जिस को में पूजता हूं और न में पुजूंगा उस को, जिस को तुमने पूजा और न तुम पूजते हो उस को, जिसको में पूजता हूं। तुम को तुम्हारी राह, मुझ को मेरी राह।
3. सूरह इख्लास

तर्जुमा: शुरू अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है। ऐ नबी ! कह दीजिए कि वह (यानी) अल्लाह एक है। अल्लाह बे-नियाज़ है। न जना उसने किसी को और न वह जना गया और नहीं है उसके जोड का कोई।
4. सूरह फ़लक़

तर्जुमा: शुरू अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है। कह दीजिए, में पनाह लेता हूं उसकी, जो पैदा करने वाला है सुबह का, शर से उन तमाम के जिनको पैदा किया ( अल्लाह ने ) और शर से अंधेरी रात के, जब वह आ जाये और शर से दम करने वालों के गिरोहों में और शर से हसद करने वाले के, जबकि हसद करे।
5. सूरह नास

तर्जुमा: शुरू अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है। ऐ नबी कह दीजिए, मैं पनाह लेता हूं, रब से आदमियों के जो बादशाह है सब आदमियों का, जो माबूद है सब इंसानों का, शर से वस्वसा डालने वाले के, जो पीछे हटने वाला है, जो कि वस्वसा डालता है दिलों में लोगों के, जिन्नों में से और इंसानों में से।
6. सूरह कौसर

तर्जुमा: शुरू अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है। (ऐ रसूल) हमनें तुमको कौसर अता किया। तो तुम अपने परवरदिगार की नमाज़ पढ़ा करो। और कुर्बानी दिया करो बेशक तुम्हारा दुश्मन बे औलाद रहेगा।
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