पैगंबर आदम अलैहिस्सलाम भाग 1

पैगंबर आदम अलैहिस्सलाम की कहानी

पैगंबर आदम अलैहिस्सलाम को सब से पहले दुनिया में भेजा गया। और उनको अबुलबशर यानि सारे इन्सानों के पिता कहा जाता है। हम सब इन्ही की औलाद हैं इसी लिये इंसान को “आदमी” कहा जाता है।

जब अल्लाह तआला ने हज़रत आदम (अ.स.) की पैदाइश का इरादा फ़रमाया और फ़रिश्तों से अर्ज़ किया कि मैं ज़मीन में अपना ख़लीफ़ा बनाने वाला हूँ उस वक़्त ज़मीन में जिन्नात रहते थे और “इब्लीस” की बादशाहत थी लिहाज़ा आपके बारे में कुछ बताने से पहले शैतान इब्लीस का ज़िक्र करना ज़रूरी है क्योंकि इस कहानी का शैतान से गहरा ताल्लुक़ है।

इब्लीस-ए-लईनः-

अल्लाह तआला ने इस मख़लूक़ को बहुत ख़ूबसूरत बनाया था और शराफ़त व बुज़र्गी से भी नवाज़ा था। ज़मीन और दुनिया के आसमान की बादशाहत दी थी। इसके अलावा उसे जन्नत की पहरेदारी के इनाम से भी नवाज़ा था। लेकिन उसने अल्लाह के सामने घमण्ड किया और ख़ुदाई का दावा कर बैठा जिसकी वजह से अल्लाह तआला ने उसे अपनी बारगाह से निकाल दिया और उसे शैतान में बदल दिया। उसकी शक्ल बिगाड़ दी और सारे रुतबे जो अल्लाह तआला ने उसे दिये थे, छीन लिये। उस पर अपनी लानत फ़रमाई, उसको अपने आसमानों से निकाल दिया और आख़िरत में उसको और उसकी पैरवी करने वालों का ठिकाना जहन्नुम क़रार दिया।

शैतान इब्लीस कौन था?

इब्लीस फ़रिश्तों का सरदार था और जन्नत के बाग़ों की देखभाल करता था। उसको दुनिया और आसमान दोनों की बादशाहत मिली हुई थी। (इब्ने जरीह रहमातुल्लाह अलैह से रिवायत, इब्ने अब्बास के हवाले से)

फ़रिश्तों का एक क़बीला जिन्नात से ताल्लुक़ रखता था इब्लीस उन्हीं में से था। इस क़बीले के फ़रिश्तों को आग की गर्म लौ से पैदा किया गया था यह लौ शोले की तरह नज़र नहीं आती लेकिन सिर्फ़ महसूस की जा सकती है और सारी गर्मी इसी में होती है। इस क़बीले के अलावा बाक़ी सब फ़रिश्तों को नूर से पैदा फ़रमाया था। इब्लीस का नाम हारिस था दूसरी रिवायत में अज़ाज़ील भी आया है और यह जन्नत के पहरेदारों में से था। (इब्ने अब्बास की रिवायत)

पैगंबर आदम (अ.स.) से पहले क्या था

जब कुछ भी नही था तब सिर्फ़ और सिर्फ़ अल्लाह पाक की जात ए मुबारक थी। फिर अल्लाह त’आला ने पानी को बनाया और पानी के उपर अपना अर्श बनाया। फिर उसने क़लम (पेन) को बनाया, फिर अल्लाह ने लोहे महफूज़ बनाया जहाँ हर चीज़ क़लम से लिखी हुई है। उसके बाद अल्लाह ने ज़मीन और आसमान को बनाया। उसके बाद फरिश्तो को बनाया और जिन्न को बनाया, उसके बाद 6 दिनो में पूरी दुनिया बनाई।

अल्लाह त’आला ने फरिश्तो को नूर से, जिन्नो को आग से, और इंसान को मिट्टी से पैदा किया।

अल्लाह त’आला ने जिन्नो को आदम (अ.स.) से 2000 साल पहले दुनिया में भेजा था लेकिन वहाँ फ़साद किया, तो अल्लाह त’आला ने फरिश्तो को भेजा जिन्होने जिन्नो को ज़मीन से दूर कर दिया। उन जिन्नो में एक आज़ाज़ील भी था जो अल्लाह त’आला का इबादत गुज़ार बंदा था, तो फरिश्ते उसे अपने साथ ले आए जो बाद में अपने तकब्बुर (घमंड) और नफ़ारमनी की वजह से इब्लीस कहलाया यानी सख़्त मायूस क्योंकी वो हमेशा-हमेशा के लिए अल्लाह त’आला की रहमत से मायूस है।

हज़रत आदम की पैदाइश

फिर अल्लाह ने हज़रत आदम की पैदाइश का इरादा फ़रमाया और फरिश्तो से कहा की मैं ज़मीन में खलीफा बनाने वाला हूँ तो फरिश्तो ने अल्लाह से कहा की आप क्यों इंसान को बनाना चाहते हैं जब की हम तो मौजूद है जो दिन रात आपकी हम्द और तसबीह करते हैं, ये इंसान भी जिन्नो की तरह ज़मीन में जाकर फ़साद करेंगे और एक दूसरे का खून बहाएँगे।

अल्लाह त’आला ने कहा “जो मैं जनता हूँ वो तुम नही जानते”, यानी अल्लाह त’आला उन्हे क्यों बना रहे हैं ये अल्लाह को पता था।

अल्लाह त’आला ने ज़मीन से मिट्टी मँगवाई तो फरिश्ते पूरी दुनिया से थोड़ी थोड़ी मिट्टी ले आए। मिट्टी थोड़ी काली, थोड़ी लाल, थोड़ी भूरी थी इसलिए इंसान की शकल हर तरह की है।

फिर अल्लाह त’आला ने अपने हाथो से पैगंबर आदम (अ.स.) को बनाया और 40 दिनो के लिए छोढ़ दिया किसी रिवायत में 40 साल आता है। फ़रिश्ते इसे देखने के लिए आते थे। इब्लीस भी अपने पैर से इस पुतले को ठोकर मारता और कहता मैं तुझ पर ग़ालिब आ गया तो तुझे हलाक कर दूंगा और अगर तू मेरा हाकिम बन गया तो मैं तेरी नाफ़रमानी करुँगा।

शैतान का थूक और कुत्ता

एक बार इब्लीस मरदूद ने बुग्ज़ व कीने में आकर हज़रत आदम (अ.स.) के पुतले मुबारक पर थूक दिया। यह थूक हज़रत आदम (अ.स.) की नाफ़ मुबारक पर पडी।

अल्लाह त’आला ने जिब्रईंल (अ.स) को हुक्म दिया कि इस जगह से उतनी मिट्टी निकाल कर उस मिटटी का कुत्ता बना दो। तो उस शैतानी थूक से मिली मिट्टी का कुत्ता बना दिया गया।

यह कुत्ता आदमी से मानूस है। क्योंकि चूंकि मिट्टी हजरत आदम (अ.स.) की है। और गंदा इसलिये है कि थूक शैतान की है। रात को जागता इसलिये है कि हाथ इसे जिब्रईल (अ.स.) के लगे हैं। (रूहुल ब्यान जिल्द 1, सफा 68)

जिस्म में रूह का दाखिल होना

जब वह मिट्टी मज़बूत हो गई और सूखकर ठीकरे की तरह आवाज़ करने लगी और जब आदम (अ.स.) का पुतला पक्का हो गया तो अल्लाह तआला ने इसमें रूह फूंकने का इरादा फ़रमाया। अल्लाह त’आला ने हुकुम दिया की जैसे ही मैं आदम (अ.स.) में रूह फूंकू तुम सब सजदा करना, ये सजदा ए ताज़ीम था इस सजदे का हुकुम अल्लाह ता’ला ने इसलिए दिया की सब को पता चल जाए की आदम अलैहीस सलाम की हैसियत फरिश्तो और जिन्नो से ज़्यादा है।

जब रूह फूँकी तो रूह सर में दाखिल हुई और आदम (अ.स.) को छींक आई तो फरिश्तो ने कहा की आप कहिए अल्हम्दुलिल्लाह  यानी “तमाम तारीफ और शुक्र अल्लाह ही के लिए है”, इस पर अल्लाह त’आला ने फरमाया रहमका रब्बुक  “तुझ पर तेरा रब रहम फरमाये”।

अब रूह आँखों में दाखिल हुई तो आदम (अ.स.) जन्नत के फल देखने लगे, जब रूह पेट में गई तो उन्हे भूख महसूस हुई, जब रूह पैरों में गई तो उन्होने चलने की कोशिश की, उस पर अल्लाह त’आला ने कुर’आन में फरमाया “इंसान जल्दबाज़ है”।

इब्लीस का घमण्ड

जैसे ही अल्लाह त’आला ने रूह फूँकी तो सारे फरिश्तो ने सजदा किया सिवाए इब्लीस के, उसने अल्लाह की नफ़रमानी की और सजदा नही किया।

इब्लीस एक नेक और बुज़ुर्ग जिन्न था उसने कभी अल्लाह त’आला की नफ़रमानी नही की थी वो बहुत इबादत गुज़ार था इसीलिए उसका मर्तबा फरिश्तो में बुलंद था। इसी बात का उसे बहुत गुरूर हो गया था। और इसी गुरूर में अँधा होकर उसने अल्लाह के हुकुम को भी मानने से इनकार कर दिया।

अल्लाह त’आला ने उससे पूछा ऐ इब्लीस तुझे किस चीज़ ने सजदा करने से रोका, कहने लगा मैं उससे बेहतर हूँ। तूने आदम को मिट्टी से पैदा किया और मुझे आग से। अल्लाह त’आला ने कहा, निकल जा यहाँ से तुझे हक़ नही की जन्नत में रह कर घमण्ड करे। इब्लीस कहने लगा ऐ अल्लाह मुझे क़यामत तक की मोहलत दे की मैं ज़िंदा रहूं। तो अल्लाह त’आला ने उसे मोहलत दे दी।

जब मोहलत मिल गयी तो अपनी ग़लती मानने की बजाए अल्लाह त’आला से कहने लगा की मैं क़सम ख़ाता हूँ मैं आदम की औलाद को गुमराह करूँगा, मैं तेरे सीरात-ए-मुस्तक़ीम पर बैठ जाउंगा फिर उनके आगेसे, पीछेसे, दाएंसे, बाएंसे, आउँगा और उन्हे बहकाउँगा, आप इनमे से ज़्यादातर को शुक्र गुज़ार नही पाएँगे। मैं इंसानो के गुनाहों को उनके लिए खूबसूरत बना दूँगा, सिवाए तेरे मुख़लिस बंदो के, वो मेरे बहकावे में नही आएँगे।

इस पर अल्लाह त’आला ने उससे कहा तू निकल जा यहाँ से आदम की औलाद में से जो तेरा कहा मानेंगे और तेरे साथ चलेंगे, मैं तुझे और उन सब को जहन्नुम से भर दूँगा, जो गुमराह होंगे तेरी पेरवी करेंगे यानी तेरे कदमों पर चलेंगे उनकी जगह जहन्नुम होगी। लेकिन मेरे मुख़लिस बंदो पर तेरा ज़ोर नही चलेगा।

अल्लाह त’आला के इल्म और हिकमत का भी यही तक़ाज़ा था कि औलादे आदम की आज़माइश की जाये। लिहाज़ा उसे लम्बी उम्र अता की और साथ में वो सामान भी अता किया गया जो नस्ले आदम को गुमराह करने के लिए चाहिए थे।

Share this:
error: Content is protected !!