अल् हम्दु लि ल्लाहि हम्दन कसीरन तय्यबम मुबा-रकन फ़ीहि गै-र मुक़फ़ीयिन व ला मुवद्दइन व ला मुस्तग्न न अन्हु रब्बना०
तर्जुमा- सब तारीफें अल्लाह के लिए हैं, ऐसी तारीफ़, जो बहुत हो और पाकीज़ा हो और बरकत वाली हो, ऐ हमारे रब! हम इस खाने को काफ़ी समझ कर या बिल्कुल रुख्सत कर के या उससे ग़ैर-मुहताज होकर नहीं उठा रहे हैं।-बुख़ारी
दूध पीकर ये दुआ पढ़ें
दूध पीकर यह दुआ पढ़ें
अल्लाहुम-म बारिक लना फ़ीहि व ज़िद् ना मिन्हुo
तर्जुमा-ऐ अल्लाह! तू इसमें हमें बर-कत दे और हमको और ज़्यादा दे।-तिर्मिज़ी