नीयत करने का तरीका

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मुसलमानों की दूसरी इबादतों की तरह नमाज़ में भी नीयत करना जरुरी है। अगर आप नीयत किये बगैर नमाज़ पढ़ लेंगे, तो नमाज़ न होगी और उस नमाज़ को दोहराना भी…

वजू का तरीका

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वजू का तरीका: जब वजू का इरादा यानि नीयत करें तो सबसे पहले बिस्मिल्लाह बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम और दूसरा कलमा पढ़ें।

गुस्ल का तरीका​

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गुस्ल: नमाज़ पढ़ने के लिये शरीर पाक साफ़ होना बहुत जरूरी है। इसका ध्यान रखें। पाक-साफ़ पानी लेकर दोनों हाथों को गट्टों तक तीन-तीन बार धोयें। इस्तन्जे की…

फ़ज़ाइले कुरआन मजीद

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फ़ज़ाइले कुरआन मजीद: क़यामत के दिन पढ़ने वाले की सिफारिश करेगा। हर हर्फ़ पर दस नेकियाँ मिलेंगी। आदाबे तिलावते कुरआन पाक: पाक साफ़ होना। बावुजू होना। अदब …

सोने के आदाब

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सोने के आदाब: इशा की नमाज़ पढ़ कर जल्दी सोने की कोशिश करना। बावुजू सोना। तीन मर्तबा बिस्तर झाड़ लेना। सुरमा लगाकर सोना।…

फ़र्ज़ किसको कहते हैं?

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फ़र्ज़ किसको कहते हैं?​ फ़र्ज़ वह इबादत है जो यक़ीनी दलील से साबित हो। यानी उसके सुबूत में कोई शुबहा न हो। फ़र्ज़ का इन्कार करने वाला काफ़िर हो जाता है। और बगैर उज़ के छोड़ने वाला फ़ासिक और अज़ाब का मुस्तहिक़ है।

अल्लाह के बन्दों के हक़

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अल्लाह के बन्दों के हक़: अल्लाह ने हर इन्सान पर कुछ लोगों के हक़ और ज़िम्मेदारी दी है। जिनका हक़ यदि हमने अदा नहीं किया तो उनका हक़ अल्लाह माफ़ नहीं करेंगे।

इस्लाम की बुनियाद

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इस्लाम की बुनियाद पाँच बातों पर है:​कलिमा तय्यिबा- यानी सच्चे दिल से और समझ से इसका पढ़ा जाना।नमाज़- यानी रोज़ाना पाक साफ़ होकर पाँच वक्त की नमाज़ पढ़ना।

इस्लाम के पहले शहीद-सुमय्या (रज़ि) व यासिर (रज़ि)

इस्लाम के पहले शहीद-सुमय्या (रज़ि0) व यासिर (रज़ि0) – The First Martyrs In Islam यमनी में जन्मे युवा अम्मार (रज़ी।) (अम्मर इब्न यासिर) बहुत कम उम्र में …

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