100 सूरह अल-आदियात​ हिन्दी में

सूरह अल-आदियात मक्के में नाजिल हुई। इसमें 11 आयतें हैं। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है।

अल्लाह ने इंसान को एक घोड़े से तुलना दे कर इंसानी जात को ये बताया है कि जिस तरह घोड़ा अपने मालिक का आज्ञापालक बन कर रहता है। इसी तरह इंसान को अल्लाह का फरमाबरदार बंदा बन कर जिंदगी को गुजरना है। और उस अल्लाह का शुक्रिया अदा करना है। जिसने हमें दुनिया की सारी अच्छी चीजें दी है।

सूरह अल-आदियात हिन्दी में | Surah Al-Aadiyaat in Hindi​

बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
  1. वल आदियाति ज़ब्हा
    उन (ग़ाजि़यों के) घोड़ों कि कसम जो हांफते हुए सरपट दौड़ते है।
  2. फ़ल मूरियाति क़दहा
    फिर ठोकरों से चिनगारियाँ निकालते हैं,
  3. फ़ल मुगीराति सुबहा
    फ़िर सुबह के वक़्त दुश्मन की फौज पर हमला करते है
  4. फ़ असरना बिही नक़आ
    फ़िर धूल उड़ाते है।
  5. फ़वा सतना बिही जमआ
    फ़िर इसी वक़्त दुश्मन के फौज में जा घुसते है।
  6. इन्नल इंसान लिरब्बिही लका नूद
    बेशक इंसान अपने रब का बड़ा नाशुक्रा(कृतघ्न) है।
  7. व इन्नहू अला ज़ालिका लशा हीद
    और निश्चय ही वह स्वयं इसपर गवाह है!
  8. व इन्नहू लिहुब्बिल खैरि लशा दीद
    और बेशक वो माल कि मुहब्बत में बड़ा मजबूत है।
  9. अफाला यअलमु इज़ा बुआ सिरा माफ़िल क़ुबूर
    क्या वो नहीं जानता कि एक दिन क़ब्रो के मुर्दे बाहर निकाल लिए जाएंगे।
  10. व हुस्सिला माफिस सुदूर
    और जो दिलों के भेद है वो सब ज़ाहिर किया जाएगा।
  11. इन्ना रब्बहुम बिहिम यौ मइज़िल ल खाबीर

    निस्संदेह उनका रब उस दिन उनकी पूरी ख़बर रखता होगा।

Surah Al-Adiyat Video

Surah Al-Adiyat in Arabic

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Surah Al-Adiyat with Urdu Translation

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