99 सूरह अज़-ज़ल्ज़ला​ हिन्दी में

99 सूरह अज़-ज़ल्ज़ला | Surah Az-Zalzalah

सूरह अज़-ज़ल्ज़ला मक्के में नाजिल हुई। इसमें 8 आयतें हैं और 1 रूकू है। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है।

सूरह अज़-ज़ल्ज़ला हिन्दी में | Surah Az-Zalzalah in Hindi

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
  1. इज़ा ज़ुल ज़िलतिल अरजु ज़िल ज़ा लहा
    जब धरती को पूरी तरह झंझोड़ दिया जायेगा।
  2. व अख रजातिल अरजु अस्कालहा
    तथा भूमि अपने बोझ बाहर निकाल देगी।
  3. वक़ालल इंसानु मा लहा
    और इन्सान कहेगा कि इसे क्या हो गया?
  4. यव मइजिन तुहद्दिसु अख़बा रहा
    उस रोज़ वह अपने सब हालात बयान कर देगी।
  5. बि अन्ना रब्बका अव्हा लहा
    क्योंकि तेरे पालनहार ने उसे यही आदेश दिया है।
  6. यव मइजिय यस दुरून नासु अश्तातल लियुरव अअ’ मालहुम
    उस दिन लोग तितर-बितर होकर आयेंगे, ताकि वे अपने कर्मों(आमाल) को देख लें।
  7. फमय यअ’मल मिस्काला ज़र रतिन खैयररैं यरह
    तो जिसने एक कण के बराबर भी पुण्य किया होगा, उसे देख लेगा।
  8. वमै यअ’मल मिस्काला ज़र्रतिन शररैं यरह
    और जिसने एक कण के बराबर भी बुरा किया होगा, उसे देख लेगा।

Surah Al-Zilzal Video

Surah Al-Zilzal in Arabic

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Surah Al-Zilzal with Urdu Tarjuma

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