103 सूरह अल-अस्र​ हिन्दी में

103 सूरह अल-अस्र | Surah Al-Asr

सूरह अल-अस्र में 3 आयतें हैं और 1 रुकु हैं। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है। ये सूरत मक्के के शुरुआती समय में नाजिल हुई जब सारे मुल्क में जुल्म छाया हुआ था।

कयामत का किसी को यकीन ही नहीं था, बुराइयां हर ओर फैली हुई थी। अल्लाह की कामो में लोग किसी और को शरीक ठहराते थे। सभी लोग बुराई के अंजाम से बेखबर थे।

सूरह अल-अस्र हिन्दी में | Surah Al-Asr in Hindi​

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
  1. वल अस् र
    अस्र की नमाज़ की क़सम।
  2. इन्नल इनसाना लफ़ी खुस् र
     निःसंदेह, इंसान बहुत ही घाटे में है।
  3. इल्लल लज़ीना आमानू वा आमिलुस सालीहाती वता वासव बिल हक्क वता वासव बिस सब्र
    मगर जो लोग ईमान लाए और अच्छे काम करते रहे। और एक-दूसरे को सत्य का उपदेश तथा धैर्य का उपदेश देते रहे।

Surah Al-Asr Video

Surah Al-Asr with Urdu Tarjuma

Surah Al-Asr in Arabic

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Surah Al-Asr with Hijje

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