113 सूरह अल-फ़लक़ हिन्दी में

113 सूरह अल-फ़लक़ | Surah Al Falaq

सूरह अल-फ़लक़ मक्की है, इस में 5 आयतें हैं। इसका नाम इस की प्रथम आयत में फ़लक़ शब्द आने के कारण रखा गया है। जिस का अर्थ सुबह है। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है।

सूरह अल-फ़लक़ हिन्दी में | Surah Al Falaq in Hindi

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
  1. कुल अऊजु बिरब्बिल फलक
    (हे नबी!) कहो कि मैं सुबह के मालिक की शरण लेता हूँ।
  2. मिन शर रिमा ख़लक़
    हर चीज़ की बुराई से, जिसे उसने पैदा किया।
  3. वामिन शर रिग़ासिकिन इज़ा वकब
    तथा अँधेरी रात की बुराई से, जब उसका अंधेरा छा जाये।
  4. वमिन शर रिन नफ़फ़ासाति फ़िल उक़द
    और गाँठो में फूँक मारने-वालों (या फूँक मारने-वालियों) की बुराई से,
  5. वमिन शर रिहासिदिन इज़ा हसद
    तथा ईर्ष्यालु करने वाले की बुराई से, जब वह ईर्ष्या करे।

सूरह अल-फ़लक़ वीडियो | Surah Al Falaq Video

Surah Al-Falaq in Arabic

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Surah Al-Falaq Video in Hijje​

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