यह सूरह मक्की है, इस में 4 आयतें हैं। इख्लास का अर्थ है अल्लाह की शुद्ध इबादत करना। इसी का दूसरा नाम तौहीद है, इस सूरह में तौहीद का वर्णन है। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है।
हजरत अब्दुल्लाह बिन मसूद की रवायत है कि कुरैश के लोगों ने रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से कहा कि अपने रब का नसब हमें बताएं इस पर यह सूरह नाजिल हुई।
सहीह हदीस में है कि यह सूरह एक तिहाई कुरान के बराबर है। (सहीह बुख़ारी, सहीह मुस्लिम)
सूरह अल-इख़लास हिन्दी में | Surah Al-Ikhlas in Hindi
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
कुल हुवल लाहू अहद◌ (ऐ रसूल!) कह दोः अल्लाह अकेला है।
अल्लाहुस समद◌ अल्लाह परम सत्य है।
लम यलिद वलम यूलद◌ न उसकी कोई संतान है और न वह किसी की संतान है।