सूरह अल हाक्क़ह हिंदी में | Surah Al Haqqah in Hindi
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
- अल्-हाक़्क़तु
सच मुच होने वाली (क़यामत)। - मल्- हाक़्क़ह्
और सच मुच होने वाली क्या चीज़ है। - व मा अद्रा-क मल्-हाक्कह्
और तुम्हें क्या मालूम कि वह सच मुच होने वाली क्या है। - कज़्ज़बत् समूदु व आदुम् – बिल्- क़ारिअह्
(वही) खड़ खड़ाने वाली (जिस) को आद व समूद(जाति) ने झुठलाया। - फ- अम्मा समूदु फ – उह्-लिकू बित्ताग़ियह्
फिर समूद तो अति कड़ी ध्वनि से खत्म कर दिए गए। - व अम्मा आदुन् फ़-उह्-लिकू बिरीहिन् सर्-सरिन् आतियह्
रहे आद तो वह बहुत शदीद तेज़ आँधी से खत्म कर दिए गए। - सख्ख़- रहा अलैहिम् सब् – अ लयालिंव्-व समानि-य-त अय्यामिन् हुसूमन् फ- तरल् – क़ौ-म फ़ीहा सर्आ क – अन्नहुम् अअजाजु नख़्लिन् ख़ावियह्
अल्लाह ने उसे सात रात और आठ दिन लगाकर उन पर चलाया। तो लोगों को इस तरह गिरे देखता कि गोया वह खजूरों के खोखले तने हैं। - फ-हल् तरा लहुम् मिम् – बाक़ियहू
तू क्या इनमें से किसी को भी शेष देखता है। - व जा-अ फिर्औनु व मन् कुब्लहू वल्-मुस्तफ़िकातु बिल्- ख़ातिअह्
और फिरौन और जो लोग उससे पहले थे और वह लोग (लूत की कौम) जो उलटी हुयी बस्तियों के रहने वाले थे। सब गुनाह के काम करते थे। - फ़ – अ़सौ रसू-ल रब्बिहिम् फ़-अ-ख़-ज़हुम् अख़्ज़-तर्-राबियह्
तो उन लोगों ने अपने परवरदिगार के रसूल की नाफ़रमानी की तो अल्लाह ने भी उनकी बड़ी सख़्ती से पकड़ में ले लिया। - इन्ना लम्मा तग़ल्-मा- उ हमल्नाकुम् फिल्जारियह्
जब पानी चढ़ने लगा तो हमने तुमको नौका पर सवार किया। - लिनज्- अ़-लहा लकुम् तज़्कि-रतंव्-व त इ-यहा उजुनुंव्-वायिह्
ताकि हम उसे तुम्हारे लिए यादगार बनाएं और उसे याद रखने वाले कान सुनकर याद रखें। - फ़ -इज़ा नुफि-ख़ फ़िस्सूरि नफ़्ख़ तुंव्- वाहि-दतुन्
फिर जब सूर में एक (बार) फूँक मार दी जाएगी। - व हुमि-लतिल्-अर्जु वल् जिबालु फ़-दुक्कता दक्क-तंव्- वाहि-दह्
और ज़मीन और पहाड़ उठाकर एक बारगी (टकरा कर) चूर-चूर कर दिए जाएँगे। तो उस रोज़ क़यामत आ ही जाएगी। - फ़यौमइजिं व्- व- क़-अतिल्- वाक़िअह्
और आसमान फट जाएगा। - वन्-शक़्कतिस्-समा-उ फ़हि-य यौ मइज़िंव्-वाहि-यतुं व्
तो वह उस दिन बहुत क्षीण निर्बल होगा और फ़रिश्ते उनके किनारे पर होंगे। - वल्- म-लकु अ़ला अर्जा- इहा, व यह्मिलु अर्-श रब्बि-क फ़ौक़हुम् यौमइ ज़िन् समानियह्
और तुम्हारे परवरदिगार के अर्श (सिंहासन) को उस दिन आठ फ़रिश्ते अपने सरों पर उठाए होंगे। - यौमइज़िन् तुअरज़ू न ला तख़्फ़ा मिन्कुम् ख़ाफ़ियह्
उस दिन तुम सब के सब (अल्लाह के सामने) पेश किए जाओगे और तुम्हारी कोई छिपी बात छुपी न रहेगी। - फ़- अम्मा मन् ऊति-य किताबहू बि-यमीनिही फ-यकूलु हाउ – मु क़्ऱऊ किताबियह्
तो जिसको (उसका कर्मपत्र) दाहिने हाथ में दिया जाएगा तो वह (लोगो से) कहेगा लीजिए मेरा कर्मपत्र पढ़िए। - इन्नी ज़नन्तु अन्नी मुलाकिन् हिसाबियह्
तो मैं तो जानता था कि मुझे मेरा हिसाब (किताब) ज़रूर मिलेगा। - फहु-व फी ई-शतिर्-राज़ियह्
फिर वह मन चाहे सुख में होगा। - फ़ी जन्नतिन् आलियह्
बड़े आलीशान बाग़ में। - क़ुतूफुहा दानियह्
जिनके फल बहुत झुके हुए क़रीब होंगे। - कुलू वश्रबू हनीअम्-बिमा अस्लफ़्तुम् फिल्-अय्यामिल्-ख़ालियह्
जो कारगुज़ारियाँ तुम बीते दिनों मे करके आगे भेज चुके हो उसके बदले में मज़े से खाओ पियो। - व अम्मा मन् ऊति-य किताबहू बिशिमालिही फ़-यक़ूलु या लैतनी लम् ऊ-त किताबियह्
और जिसका कर्मपत्र उनके बाएँ हाथ में दिया जाएगा तो वह कहेगा ऐ काश मुझे मेरा कर्मपत्र न दिया जाता। - व लम् अद्-रि मा हिसाबियह्
और मुझे न मालूम होता कि मेरा हिसाब क्या है। - या लैतहा कानतिल्-काज़ियह्
ऐ काश! मौत ने (हमेशा के लिए मेरा) काम तमाम कर दिया होता। - मा अग्ना अन्नी मालियह्
(अफ़सोस) मेरा माल मेरे कुछ भी काम न आया। - ह-ल- क अन्नी सुल्तानियह्
(हाए) मेरी सल्तनत ख़ाक में मिल गयी (फिर हुक़्म होगा)। - खुजूहु फ-गुल्लूहु
इसे गिरफ़्तार करके तौक़ पहना दो। - सुम्मल्-जही-म सल्लूहु
फिर इसे नरक में झोंक दो। - सुम्-म फी सिल्सि – लतिन् जर्-अुहा सब्अु-न ज़िराअ़न् फस्लुकूहु
फिर एक ज़ंजीर में जिसकी नाप सत्तर गज़ की है उसे ख़ूब जकड़ दो। - इन्नहू का न ला युअ्-मिनु बिल्लाहिल्-अज़ीम
(क्यों कि) ये न तो महिमाशाली अल्लाह ही पर ईमान लाता था और दरिद्र के खिलाने पर न लोगों को प्रेरणा देता था। - व ला यहुज्जु अला तआमिल्-मिस्कीन
तो आज न उसका कोई मित्र है। - फलै-स लहुल्-यौ म हाहुना हमीम
और न पीप के सिवा (उसके लिए) कुछ खाना है। - व ला तआमुन् इल्ला मिनू गिस्लीन
जिसको पापी के सिवा कोई नहीं खाएगा। - ला यअकुलुहू इल्लल्-ख़ातिऊन
तो मुझे उन चीज़ों की क़सम है। - फ़ला उक्सिमु बिमा तुब्सिरून
जो तुम्हें दिखाई देती हैं। - व मा ला तुब्सिरून
और जो तुम्हें नहीं सुझाई देती कि बेशक ये (क़ुरान)। - इन्नहू लक़ौलु रसूलिन् करीम
एक प्रतिष्ठित फरिश्ते का लाया हुआ पैगाम है। - व मा हु-व बिक़ौलि शाअिर्, क़लीलम्-मा तुअ्-मिनून
और ये किसी शायर की तुक बन्दी नहीं तुम लोग तो बहुत कम ईमान लाते हो। - व ला बिक़ौलि काहिन्, क़लीलम्-मा तज़क्करून
और न किसी ज्योतिषी की (ख़्याली) बात है तुम लोग तो बहुत कम शिक्षा ग्रहण करते हो। - तन्ज़ीलुम् मिर्रब्बिल्-आलमीन
सारे जहान के पालनहार का उतारा किया हुआ (क़लाम) है। - व लौ तक़व्व-ल अ़लैना बअ्-ज़ल्-अकावील
अगर रसूल हमपर कोई झूठ बात बना लाते। - ल – अख़ज़्-ना मिन्हु बिल्यमीन
तो हम उनका दाहिना हाथ पकड़ लेते। - सुम्-म ल-क़तअ्ना मिन्हुल्-वतीन
फिर हम ज़रूर उनकी गर्दन उड़ा देते। - फमा मिन्कुम्-मिन् अ-हदिन् अन्हु हाजिज़ीन
फिर तुममें से कोई (मुझे) उससे रोकने वाला न होता। - व इन्नहू ल-तज़्-कि-रतुल् लिल्-मुत्तक़ीन
ये तो सदाचारियों के लिए शिक्षा है। - व इन्ना ल-नअलमु अन्-न मिन्कुम् मुकज़बीन
और हम ख़ूब जानते हैं कि तुम में से कुछ लोग (इसके) झुठलाने वाले हैं। - वइन्नहू ल-हस्-रतुन् अलल्-काफ़िरीन
और निश्चय ये पछतावे का कारण होगा काफ़िरों के लिए। अर्थात जो कुरान को नहीं मानते वह अन्ततः पछतायेंगे। - व इन्न्हू ल-हक्कुल्-यकीन
और इसमें शक नहीं कि ये विश्वसनीय सत्य है। - फ़-सब्बिह् बिस्मि-रब्बिकल्-अज़ीम
तो तुम अपने परवरदिगार की पवित्रता का वर्णन करो।
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