सूरह अल काफिरून मक्की है, इस में 6 आयतें हैं। इस की प्रथम आयत में काफ़िरून शब्द आने के कारण इस का यह नाम है।
हदीस में है कि नबी सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम ने तवाफ की दो रकात में यह सूरह और सूरह इख्लास पढ़ी थी। (सहीह मुस्लिम)
यह सूरह पारा नंबर 30 मे है।
सूरह अल काफिरून हिन्दी में | Surah Al-Kafirun in Hindi
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
कुल या अय्युहल काफिरून (हे नबी!) कह दोः हे इनकार करने वालो!
ला अ’अबुदु मा तअ’बुदून मैं उन (मूर्तियों) को नहीं पूजता, जिन्हें तुम पूजते हो।
वला अन्तुम आबिदूना मा अ’अबुद और न तुम उसे पूजते हो, जिसे मैं पूजता हूँ।
वला अना आबिदुम मा अबद्तुम और न मैं उसे पूजूँगा, जिसे तुम पूजते हो।
वला अन्तुम आबिदूना मा अअ’बुद और न तुम उसे पूजोगे, जिसे मैं पूजता हूँ।
लकुम दीनुकुम वलिय दीन तुम्हारे लिए तम्हारा धर्म तथा मेरे लिए मेरा धर्म!