सूरह अल-कौसर सूरह मक्की है, इस में 3 आयतें हैं। इस की प्रथम आयत में “कौसर” शब्द आया है इस लिये इस का नाम “सूरह कौसर” है। कौसर का अर्थ है-बहुत सी भलाईयाँ और जन्नत के अन्दर एक नहर का नाम भी है। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है।
नबूवत के आरम्भिक काल में जब अल्लाह के नबी (सल्ल0) बहुत सी कठिनाइयों से गुज़र रहे थे और दूर तक कहीं सफलता के चिन्ह दिखाई नहीं दे रहे थे, उस समय आप को सांत्वना देने और आप को हिम्मत बँधाने के लिए अल्लाह ने यह आयत अवतरित की।
सूरह अल-कौसर हिन्दी में | Surah Al-Kauthar in Hindi
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
इन्ना आतय ना कल कौसर (हे नबी!) हमने तुम्हें कौसर प्रदान किया है।
फसल्लि लिरब्बिका वन्हर तो तुम अपने पालनहार के लिए नमाज़ पढ़ो तथा बलि दो।