सूरह अल-क़ारिअह मक्का में नाजिल हुई। इसमें 11 आयतें हैं। इस सूरह में अल्लाह ने कयामत की हौलनाकी के बारे में और लोगों के अमाल के हिसाब किताब के बारे में बताया किया है। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है।
सूरह अल-क़ारिअह हिन्दी में | Surah Al-Qariah in Hindi
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
अल् कारियह खड़खड़ाने वाली,
मल कारियह वो खड़खड़ा देने वाला हादसा क्या होगा?
वमा अदराका मल कारिया और तुम को क्या खबर ,वो खड़खड़ा देने वाला हादसा क्या होगा।
यौमा यकूनुन नासू कल फराशिल मबसूस जिस दिन लोग (हर्श के मैदान में) टिड्डियों की तरह फैले होंगे।
वताकूनुल जिबालू कल इहनिल मनफूश और पहाड़ धुनकी हुयी रूई की तरह हो जाएंगे।
फ अम्मा मन सकुलत मवा ज़ीनुहू तो (आमाल के वजन के बाद ) जिसके (ईमान का) पल्ला तराज़ू पर भारी होगा।
फहुवा फी ईशा तिर रादिया वो ऐश में राज़ी और खुश होगा।
व अम्मा मन खफ़्फ़त मवा ज़ीनुहु और जिनके आमाल के पल्ले हल्के होंगे।
फ उम्मुहु हविया तो उसका ठिकाना हाविया का गड्ढा होगा।
वमा अद्राका मा हिया आप को क्या मालूम कि हविया क्या चीज़ है।