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56 सूरह वाकिया | Surah Al-Waqiah

सूरह वाकिया का नाम सूरह के पहले लफ्ज़ अल-वाकिआह से लिया गया है। इस सूरह में 96 आयतें हैं। ये सूरह हमारे कुरान पाक के 27 वे पारे मे मौजूद है । जो मक्का मुकररमा मे नाज़िल हुई लेकिन इसकी दो आयत (81-82) मदीना मुनव्वरह मे नाज़िल हुई।

“वक़िया” का अर्थ ही न्याय का दिन है । इसलिए, यह सूरा अंतिम दिन का शक्तिशाली तरीके से वर्णन करता है, जिसमें दर्शाया गया है कि मानव जाति को तीन समूहों में कैसे विभाजित किया जाएगा। इन तीनों समूहों की इस जीवन में किए गए कर्मों के आधार पर अलग-अलग शर्तें, दंड और पुरस्कार होंगे।
रोजाना इसकी तीलावत करने से आपको और हमे दुनियावी और दीनवी फायदे हासिल हो सकते है । 

दोस्तों इसके पढ़ने का असल मकसद रिज्क मे बरकत और दौलत हासिल करना है तो आप भी इस सूरत को पढ़कर फायदा उठा सकते है ।
सूरह वक़िया का वज़ीफ़ा पढ़ने पर हर किस्म की माली तरक्की हासिल की जा सकती है । क्यूंकि हमारे नबी ने खुद फरमाया है के जिस घर मे ये सूरत पढ़ी जाए उस घर मे कभी फाका नहीं आएगा। यानि उस घर मे अल्लाह की दौलत बरसने लगती है , और गरीबी खतम हो जाती है।

इबने मसूद रजि० ने हुज़ूर सल्ल ० का ये इर्शाद नकल किया है के जो शख्स हर रात को सूरह वाकिया पढे उसको कभी फ़ाक़ा नहीं होगा।
एक रिवायत मे आया है के जो शख्स सूरह वाकिया पढता है वो जननतुल फ़िरदौस के रहने वालों मे पुकारा जाता है।

एक रिवायत मे आया है के सूरह वाकिया सूरतुल गनी (Suratul gani) है , इसको पढ़ो और अपनी औलाद को सिखाओ । इस सूरत को सूरतुल गनी इस लिए भी कहा जाता है क्यूंकि ये सूरत पढ़ने वाले को अमीर कर देती है ।

नबी पाक सल्ल ० ने इरशाद फरमाया के सूरह वाकिया दौलत की सूरत है । इसकी तिलावत किया करो और अपने बच्चों को भी पढ़ाया करो – इबने असाका

हिन्दी में सूरह वाकिया | Surah Al-Waqiah in Hindi

बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम
अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।
  1. इज़ा वक़ अतिल वाक़िअह
    उस वक़्त को याद करो जब क़यामत घटित हो जाएगी।
  2. लैसा लिवक़ अतिहा काज़िबह
    जिस के घटित होने में कोई झूट नहीं।
  3. खाफिज़तुर राफि अह
    किसी को नीचा करेगी और किसी को ऊंचा।
  4. इज़ा रुज्जतिल अरजु रज्जा
    जब ज़मीन हिला कर रख दी जाएगी।
  5. व बुस्सतिल जिबालु बस्सा
    और पहाड़ पीस कर रख दिए जायेंगे।
  6. फकानत हबा अम मुम्बस्सा
    तो वो बिखरी हुई धूल बन जायेंगे।
  7. व कुन्तुम अज़वाजन सलासह
    और तुम तीन समूहो में बंट जाओगे।
  8. फ अस्हाबुल मय्मनति मा अस्हाबुल मय्मनह
    (एक) तो दाहिनी तरफ़ वाले, क्या कहने दाहिनी तरफ़ वालों के।
  9. व अस्हाबुल मश अमति, मा अस्हाबुल मश अमह
    (दुसरे) बायीं तरफ़ वाले, बायीं तरफ़ वाले कैसे बुरे हाल में होंगे।
  10. वस साबिक़ूनस साबिक़ून
    (तीसरे) आगे बढ़ जाने वाले, (उन का क्या कहना) वो तो आगे बढ़ जाने वाले हैं।
  11. उला इकल मुक़र्रबून
    वही अल्लाह के प्रियवर और समीप होंगे।
  12. फ़ी जन्नातिन नईम
    वो सुखों के स्वर्गों में होंगे।
  13. सुल्लतुम मिनल अव्वलीन
    उन का एक बड़ा गिरोह तो अगले लोगों में होगा।
  14. व क़लीलुम मिनल आख़िरीन
    और थोड़े से पिछले लोगों में होंगे।
  15. अला सुरुरिम मौज़ूनह
    स्वर्ण से बुने हुए तख़्तों पर।
  16. मुत्तकि ईना अलैहा मुतक़ाबिलीन
    उन पर आमने सामने टेक लगाये हुए बैठे होंगे।
  17. यतूफु अलैहिम विल्दानुम मुखल्लदून
    उन की ख़िदमत में ऐसे लड़के जो हमेशा लड़के ही रहेंगे वो उनके पास आते जाते रहेंगे।
  18. बिअक्वाबिव व अबारीक़ा, व कअ’सिम मिम मईन
    ग्लासों और जगों में विशुद्ध पेय के जाम लिए हुए।
  19. ला युसद्द ऊना अन्हा वला युन्ज़िफून
    जिस (के पीने) से न तो उन्हें सिर दर्द होगा और न उनकी बुद्धि में विकार आएगा।
  20. व फाकिहतिम मिम्मा यता खैय्यरून
    और ऐसे मेवे लिए हुए जिनको वो खुद पसंद करेंगे।
  21. वलहमि तैरिम मिम्मा यश तहून
    और ऐसे परिंदों का गोश्त लिए जो वे चाहें।
  22. व हूरून ईन
    और खूबसूरत आँखों वाली हूरें।
  23. कअम्सा लिल लुअ’लु इल मक्नून
    जैसे छिपा छिपा कर रखे गए मोती।
  24. जज़ा अम बिमा कानू यअ’मलून
    ये सब उनके कामों के बदले के तौर पर होगा जो वो किया करते थे।
  25. ला यस्मऊना फ़ीहा लग़्वव वला तअ्सीमा
    वो न उस में बेकार बातें सुनेंगे और न ही कोई गुनाह की बात।

सूरह वाकिया वीडियो | Surah Al-Waqiah Video

उर्दू तर्जुमा के साथ सूरह वाकिया

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