मगरिब की नमाज़ का तरीका

मगरिब की नमाज़ का तरीका | Magrib Ki Namaz Ka Tarika

मगरिब की नमाज़ में कुल 7 रकात होती हैं।

मग़रिब की नमाज़ का समय | Magrib Ki Namaz Ka Time

मग़रिब की नमाज़ का समय सूरज डूबने से शुरू होता है। गर्मी के मौसम में यह वक़्त लगभग शाम के 7 बजे से शुरू होता है और सर्दी के मौसम में शाम के 5:15 से शुरू होता है। अलग-अलग जगहों पर नमाज़ का वक़्त अलग-अलग होता है। तो आप अपने शहर की  मग़रिब की नमाज़ का समय गूगल से सर्च कर सकते हैं।

मग़रिब की नमाज़ की रकात | Magrib Ki Namaz Ki Rakat

मग़रिब की नमाज़ में कुल 7 रकात होती हैं जिनमें सबसे पहले 3 रकात फ़र्ज़, उसके बाद 2 रकात सुन्नत और फिर 2 रकात नफ़्ल होती हैं।

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मगरिब की नमाज़ का तरीका | Magrib Ki Namaz Ka Tarika

यहाँ भी सिर्फ नियत बदल जायेगी मगर नमाज़ पढ़ने का तरीका वही रहेगा, जो बाकी नमाज़ों का है।

मग़रिब की 3 रकात फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने का तरीका

1. मग़रिब की नमाज की तीन रकात फ़र्ज़ नमाज़ की नियत: – “नियत की मैंने तीन रकात नमाज़ फ़र्ज़ की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त मग़रिब का, पीछे इस इमाम के, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर।”

नोट: – अगर आप इमाम साहब के पीछे फ़र्ज अदा नहीं कर रहे हैं यानी अकेले पढ़ रहे हैं तो पीछे इस इमाम के नहीं बोलेंगे।

2. नियत करने के बाद जब इमाम साहब अल्लाहु-अकबर कहकर हाथ बांधेंगे, उस समय आप भी अल्लाहु-अकबर कहकर हाथ बाँध लेंगे।

3. हाथ बांध लेने के बाद आप मन में सना पढ़ेंगे। फिर बिस्मिल्लाह पढ़कर ख़ामोशी के साथ इमाम साहब जो भी बुलंद आवाज़ में पढ़ेंगे, आपको उसे दिल लगाकर सुनना है।

4. इमाम साहब सूरह फातिहा की तिलावत करेंगे और उसके बाद कुरान शरीफ की कोई एक सूरह की तिलावत करेंगे और फिर ‘अल्लाहु अकबर’ कहकर रुकू में जायेंगे, तब आपको भी रुकू में जाना है और रुकू की तस्बीह “सुब्हाना रब्बियल अज़ीम” को 3, 5, या 7 मर्तबा आहिस्ता से पढ़ना है।

5. फिर इमाम साहब “समी अल्लाह हु लिमन हमिदाह” कहकर रुकू से सीधे खड़े होंगे, उनके पीछे आपको भी जवाब में अहिस्ता से “रब्बना लकल हम्द” कहकर सीधा हो जाना है।

6. फिर इमाम साहब ‘अल्लाहु अकबर’ कहते हुए सजदे में जाएगे, तब उनके पीछे आपको भी सजदे में जाना है।

7. पहली रकात में इमाम साहब 2 सजदे करेंगे, आपको भी उनके पीछे 2 सजदे करने है।

8. दुसरे सजदे के बाद इमाम साहब ‘अल्लाहु अकबर’ कहकर सीधे खड़े होंगे, आपको भी उनके पीछे सीधे खड़े हो जाना है।

9. अब इमाम साहब दूसरी रकात में भी सूरह फातिहा के साथ कुरआन की एक सूरह की तिलावत करेंगे। आपको बस ख़ामोशी के साथ सुनना है।

10. इस बार फिर पहली रकात के जैसे आपको इमाम साहब के पीछे रुकू और सजदा करना है। बस दूसरी रकात में इमाम साहब जब दूसरा सजदा करने के बाद अत्तहियात में बैठेंगे, तो आपको भी तशहुद में बैठकर अत्तहियात पढ़ना है।

नोट:- अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली इस तरह उठाना है की अंगूठा और बिच की सबसे बड़ी वाली उंगली के पेट दोनों मिलाना है ! और शहादत की ऊँगली ऊपर करना है।

11. इसके बाद इमाम साहब ‘अल्लाहु अकबर’ कहकर तीसरी रकात के लिए खड़े हो जायेंगे, उनके पीछे आपको भी खड़े होना है।

12. तीसरी रकात में भी आपको सिर्फ खामोश रहना है और रुकू के बाद पहले की तरह दो सजदे करके तशहुद में बैठ जाना है। तशहुद आपको उसी तरह पढ़ना है जैसा हमने ऊपर बताया है।

13. अत्ताहियात पूरा पढ़ने के बाद आपको दरूद शरीफ और दुआ ए मसुरा पढ़ना है उसके बाद इमाम साहब सलाम फेरेंगे, उनके पीछे आपको भी सलाम फेरना है।

इस तरह आपकी मग़रिब की तीन रकात मुकम्मल हो जायेगी।

नोट: – यह ख्याल रहे इमाम के पीछे हर रकात में हमें खामोश रहना है। लेकिन अकेले पढ़ेंगे तो पहली दो रकात तो दूसरी नमाज़ो जैसी ही पढ़ेंगे और तीसरी नमाज़ में सिर्फ सूरह फातिहा पढ़ेंगे।

2 रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ने का तरीका

पहली रकात सुन्नत

1. मग़रिब की दो रकात सुन्नत नमाज़ की नियत:“नियत की मैंने दो रकात नमाज़ सुन्नत की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त मग़रिब का, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”

2. ‘अल्लाहु-अकबर’ कहकर हम हाँथ बाँध लेंगे और फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे। इसके बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम. पढ़ेंगे।

3. इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ेंगे और कुरआन की एक सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेंगे। जब सूरह पूरी हो जाए तब ‘अल्लाहु-अकबर’ (Takbeer) कहते हुए रुकू में जायेंगे।

4. रुकू में ही अल्लाह की तस्बीह “सुबहान रब्बी अल अज़ीम” 3 या 5 या 7 बार इत्मीनान के साथ पढ़ेंगे।

5. इसके बाद “समीअल्लाहु लिमन हमीदह” कहकर रुकू से खड़े हो जायेंगे और “रब्बना व लकल हम्द” कहेंगे, उसके बाद फिर ‘अल्लाहु-अकबर’ कहते हुए सजदे में जायेंगे।

6. सजदे में फिर अल्लाह की तस्बीह “सुबहान रब्बी अल आला” 3 या 5 या 7 बार इत्मीनान के साथ पढ़ेंगे।

7. फिर ‘अल्लाहु-अकबर’ कहकर सजदे से उठकर सीधे बैठ जायेंगे।

8. फिर दोबारा ‘अल्लाहु अकबर’ कहते हुए दूसरा सजदा करेंगे।

9. सजदे में फिर से अल्लाह की तस्बीह “सुबहान रब्बी अल आला” 3 या 5 या 7 बार पढ़ेंगे।

इस तरह आपकी 1 रकअत सुन्नत नमाज़ पूरी हो जायेगी।

दूसरी रकात सुन्नत

10. अब आप दोबारा ‘अल्लाहु अकबर’ कहते हुए खड़े हो जाएंगे और अपने हाथ बांध लेंगे।

11.
फिर से ‘अल्हम्दु शरीफ’ पढ़ेंगे उसके बाद कोई भी एक सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेंगे। फिर ‘अल्लाहु अकबर’ कहकर रुकू में जाएंगे। 

फिर “समीअल्लाहु लिमन हमीदह” कहते हुए रुकू से खड़े हो जायेंगे। इसके बाद आप “रब्बना व लकल हम्द” कहेंगे और फिर ‘अल्लाहु-अकबर’ कहते हुए सज्दे में जायेंगे।

12.
सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह “सुबहान रब्बी अल आला” 3 या 5 या 7 बार पढ़ेगे।

13.
फिर ‘अल्लाहु-अकबर’ कहकर सजदे से उठकर बैठ जायेंगे।

14.
फिर दोबारा ‘अल्लाहु अकबर’ कहते हुए सज्दे में जायेंगे।

15.
सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह “सुबहान रब्बी अल आला” 3 या 5 या 7 बार पढ़ेंगे।

16.
फिर ‘अल्लाहु अक्बर’ कहते हुए बेठ जायेंगे। ( बैठने का तरीका पहली रकअत जैसा ही है।) अब बैठे हुए ही आपको अत्तहिय्यात पढ़ना है।

नोट: अशहदु अल्ला {ला}
पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली उठाना है।

17.
इसके बाद दरूदे इब्राहीमदुआ ए मसुरा पढ़ेगे।

18.
दुआ मासुरा पढ़ने के बाद आप सलाम फेर लेंगे। ‘अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह’ कहकर आप सीधे और ‘अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह’ कहकर उलटे जानिब सलाम फेरेंगे।
इस तरह मगरिब की 2 सुन्नत नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।

2 रकात नफ़्ल नमाज़ पढ़ने का तरीका | Magrib Ki 2 rakat Nafil Namaz Ka Tarika

मग़रिब की दो रकात नफ़्ल नमाज़ की नियत:“नियत की मैंने दो रकात नमाज़ नफ़्ल की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त मग़रिब का, मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।“

‘अल्लाहु-अकबर’ कहकर हमें हाथ बाँध लेना है और फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे, और जिस तरह मग़रिब की दो रकात सुन्नत पढ़ी थी, ठीक वैसे ही दो रकात नफ़्ल पूरी करेंगे।

और इस तरह मग़रिब की 7 रकआत नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।

नमाज़ का तरीका: फजरजोहरअसरमगरिब | ईशा

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नमाज़ का तरीक़ा
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