कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
तुम भी ज़रा मेराज को जाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
जाओ नमाज़ें ले कर आओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
लोहे से तलवार बनाना आम है दुनिया में लेकिन
टहनी को तलवार बनाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
पेशानी पर दाग़ बनाना कोई मुश्किल काम नहीं
नक़्श-ए-क़दम पत्थर पे बनाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
बाम-ओ-दर-ओ-दीवार सलामी देने लगें कुछ ऐसा करो
पेड़ को अपने पास बुलाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
ऊपर जाना, नीचे आना, ये तो बशर की ताक़त है
जन्नत से तुम हो कर आओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
मेरे नबी की बात बड़ी है! छोड़ो इन सब बातों को
उन के ग़ुलामों से बन जाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
उन की हर इक ऊँगली से था जारी चश्मा, ए कलीम!
पानी उन प्यासों को पिलाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!
डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे!