नात: सोचता हूँ मैं वो घड़ी क्या अजब घड़ी होगी 1 February 2023 by jabir ali Table of Contents Toggle Naat: Sochta Hoon Main Wo Ghadi Kya Ajab Ghadi HogiSochta Hoon Main Wo Ghadi Kya Ajab Ghadi Hogi Video Naat: Sochta Hoon Main Wo Ghadi Kya Ajab Ghadi Hogi सोचता हूँ मैं वो घड़ी, क्या अजब घड़ी होगीजब दर-ए-नबी पर हम सब की हाज़री होगीआरज़ू है सीने में, घर बने मदीने मेंहो करम जो बंदे पर, बंदा-परवरी होगीकिब्रिया के जल्वों से क्या समाँ बँधा होगामहफ़िल-ए-नबी जिस दम ‘अर्श पर सजी होगीबात क्या है ! बाद-ए-सबा इतनी क्यूँ मुअत्तर हैसब्ज़-सब्ज़ गुंबद को चूम कर चली होगीसौ खुलेंगे उस के लिए रहमतों के दरवाज़ेनात-ए-मुस्तफ़ा जिस ने एक भी सुनी होगीएक ही निशानी है मुस्तफ़ा के मय-कश कीमुस्तफ़ा के मय-कश की आँख मध-भरी होगीनाम-ए-मुस्तफ़ा की क़सम, पुर-सुकूँ हूँ मैं अब तकतुम भी नाम लो उन का, घर में शांती होगीदेख तो, नियाज़ी ! ज़रा, सो गया क्या दीवानाउन की याद में शायद आँख लग गई होगीशायर: मौलाना अब्दुल सत्तार नियाज़ी Sochta Hoon Main Wo Ghadi Kya Ajab Ghadi Hogi Video Post Views: 416 Share this: