सूरह अल-कद्र मक्की है, इस में 5 आयतें हैं। सूरह अल-कद्र का मतलब नसीब है। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है।
सूरह अल-कद्र हिन्दी में | Surah Al-Qadr in Hindi
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
इन्ना अनज़ल नाहु फ़ी लैयलतिल कद्र निःसंदेह, हमने उस (कुरान) को ‘लैलतुल क़द्र’ (शबे क़द्र) में उतारा।
वमा अदराका मा लैयलतुल कद्र और तुम क्या जानो कि वह ‘लैलतुल क़द्र’ (शबे क़द्र) क्या है?
लय्लतुल कदरि खैरुम मिन अल्फि शह्र लैलतुल क़द्र (शबे क़द्र) हज़ार महीनो से उत्तम है।
तनज्जलुल मलाइकातु वररूहु फ़ीहा बिइज़्नि रब्बिहिम मिन कुल्लि अम्र उसमें (हर काम को पूर्ण करने के लिए) फ़रिश्ते तथा जिब्रील अपने पालनहार की आज्ञा से उतरते हैं।
सलामुन हिय हत्ता मत लइल फज्र वह शान्ति की रात्रि है, जो सुबह होने तक रहती है।