- फ़-बश्शर्नाहु बिग़ुलामिन् हलीम
तो हमने उनको एक बड़े नरम दिले लड़के (के पैदा होने की) खु़शख़बरी दी - फ़-लम्मा ब-ल-ग़ म- अ़हुस्सअ्-य क़ा-ल या बुनय्-य इन्नी अरा फ़िल्-मनामि अन्नी अज़्बहु-क फ़न्जुर् माज़ा तरा, क़ा-ल या अ-बतिफ़्अ़ल् मा तुअ्मरु, स-तजिदुनी इन्शा-अल्लाहु मिनस्साबिरीन
फिर जब इस्माईल अपने बाप के साथ दौड़ धूप करने लगा तो (एक दफा) इबराहीम ने कहा बेटा खू़ब मैं (वही के ज़रिये क्या) देखता हूँ कि मैं तो खु़द तुम्हें जि़बाह कर रहा हूँ तो तुम भी ग़ौर करो तुम्हारी इसमें क्या राय है इसमाईल ने कहा अब्बा जान जो आपको हुक्म हुआ है उसको (बे तअम्मुल) कीजिए अगर खु़दा ने चाहा तो मुझे आप सब्र करने वालों में से पाएगे - फ़-लम्मा अस्-लमा व तल्लहू लिल्जबीन
फिर जब दोनों ने ये ठान ली और बाप ने बेटे को (जि़बाह करने के लिए) माथे के बल लिटाया - व नादैनाहु अंय्या इब्राहीम
और हमने (आमादा देखकर) आवाज़ दी ऐ इबराहीम - क़द् सद्दक़्तर्-रुअ्या इन्ना कज़ालि-क नज्ज़िल-मुह्सिनीन
तुमने अपने ख़्वाब को सच कर दिखाया अब तुम दोनों को बड़े मरतबे मिलेगें हम नेकी करने वालों को यूँ जज़ाए ख़ैर देते हैं - इन्-न हाज़ा ल-हुवल् बलाउल्-मुबीन
इसमें शक नहीं कि ये यक़ीनी बड़ा सख़्त और सरीही इम्तिहान था - व फ़दैनाहु बिज़िब्हिन् अ़ज़ीम
और हमने इस्माईल का फि़दया एक जि़बाहे अज़ीम (बड़ी कु़र्बानी) क़रार दिया - व तरक्ना अ़लैहि फ़िल्-आख़िरीन
और हमने उनका अच्छा चर्चा बाद को आने वालों में बाक़ी रखा है - सलामुन् अ़ला इब्राहीम
कि (सारी खु़दायी में) इबराहीम पर सलाम (ही सलाम) हैं - कज़ालि-क नज्ज़िल्-मुह्सिनीन
हम यूँ नेकी करने वालों को जज़ाए ख़ैर देते हैं - कज़ालि-क नज्ज़िल्-मुह्सिनीन
बेशक इबराहीम हमारे (ख़ास) ईमानदार बन्दों में थे - व बश्श्-र्नाहु बि-इस्हा-क़ नबिय्यम् मिनस्- सालिहीन
और हमने इबराहीम को इसहाक़ (के पैदा होने की) खु़शख़बरी दी थी - व बारक्ना अ़लैहि व अ़ला इस्हा-क़, व मिन् ज़ुर्रिय्यतिहिमा मुह्सिनुंव-व ज़ालिमुल्-लिनफ़्सिही मुबीन*
जो एक नेकोसार नबी थे और हमने खु़द इबराहीम पर और इसहाक़ पर अपनी बरकत नाजि़ल की और इन दोनों की नस्ल में बाज़ तो नेकोकार और बाज़ (नाफरमानी करके) अपनी जान पर सरीही सितम ढ़ाने वाला - व ल-क़द् मनन्ना अ़ला मूसा व हारून
और हमने मूसा और हारून पर बहुत से एहसानात किए हैं - व नज्जैनाहुमा व क़ौमहुमा मिनल् कर्बिल्-अ़ज़ीम
और खु़द दोनों को और इनकी क़ौम को बड़ी (सख़्त) मुसीबत से नजात दी - व नसर्नाहुम् फ़कानू हुमुल्-ग़ालिबीन
और (फिरऔन के मुक़ाबले में) हमने उनकी मदद की तो (आखि़र) यही लोग ग़ालिब रहे - व आतैनाहुमल् किताबल्-मुस्तबीन
और हमने उन दोनों को एक वाज़ेए उलम तालिब किताब (तौरेत) अता की - व हदैनाहुमस्सिरातल् मुस्तक़ीम
और दोनों को सीधी राह की हिदायत फ़रमाई - व तरक्ना अ़लैहिमा फिल्-आख़िरीन
और बाद को आने वालों में उनका जि़क्रे ख़ैर बाक़ी रखा - सलामुन् अ़ला मूसा व हारून
कि (हर जगह) मूसा और हारून पर सलाम (ही सलाम) है - इन्ना कज़ालि-क नज्ज़िल् मुहूसिनीन
हम नेकी करने वालों को यूँ जज़ाए ख़ैर अता फरमाते हैं - इन्नहुमा मिन् अिबादिनल्-मुअ्मिनीन
बेशक ये दोनों हमारे (ख़ालिस ईमानदार बन्दों में से थे) - व इन्-न इल्या-स लमिनल्-मुर्सलीन
और इसमें शक नहीं कि इलियास यक़ीनन पैग़म्बरों में से थे - इज़् क़ा-ल लिक़ौमिही अला तत्तक़ून
जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग (ख़ुदा से) क्यों नहीं डरते - इज़् क़ा-ल लिक़ौमिही अला तत्तक़ून
क्या तुम लोग बाल (बुत) की परसतिश करते हो और खु़दा को छोड़े बैठे हो जो सबसे बेहतर पैदा करने वाला है
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