सूरह इन्फितार हिंदी में
अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
- इज़स्समा उन् फ़तरत्
- व इज़ल कवाकिबुन् त सरत्
- व इजल् बिहारु फुज्जिरत्
- व इज़ल कुबूर बुअ्सिरत्
- अलिमत् नफ़्सुम् मा कद्द मत् व अख़्खरत्
- या अय्युहल् इन्सानु मा ग़र् र क बिरब्बिकल् करीम
- अल्लज़ी ख़ ल क़ क फ़सव्वा क फ़ अदलक्
- फ़ी अय्यि सूरतिम् मा शा अ रक्कबक्
- कल्ला बल तुकज़्ज़िबू न बिद्दीनि
- व इन् न अ़लैकुम् लहाफिज़ीन
- किरामन् कातिबीन
- यल्लमू न मा तफ़अ़लून
- इन्नल् अब्रा र लफ़ी नअ़ीम
- व इन्नल् फुज्जा र लफ़ी जहीम
- यस्लौनहा यौमद्दीन
- व मा हुम् अ़न्हा बिग़ाइबीन
- व मा अद्रा क मा यौमुद्दीन
- सुम् – म मा अदरा क मा यौमुद्दीन
- यौ म ला तम्लिकु नफ़्सुल लिनफ़्सिन् शैआ, वल्अमु यौमइज़िल लिल्लाह
सूरह इन्फितार वीडियो
सूरह इन्फितार का तर्जुमा
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान, रहम करने वाला है।
- इज़स्समा उन् फ़ तरत्
जब आसमान फट जाएगा। - व इज़ल कवाकिबुन् त सरत्
और जब सितारे बिखर जाएंगे। - व इजल् बिहारु फुज्जिरत्
और जब समुद्र बह पड़ेंगे। - व इज़ल कुबूर बुअ्सिरत्
और जब क़ब्रें खोल दी जाएंगी। - अलिमत् नफ़्सुम् मा कद्द मत् व अख़्ख रत्
हर शख्स जान लेगा कि उसने क्या आगे भेजा और क्या पीछे छोड़ा | - या अय्युहल् इन्सानु मा ग़र् र क बिरब्बिकल् करीम
ऐ इंसान तुझे किस चीज़ ने अपने रब्बे करीम की तरफ़ से धोखे में डाल रखा है। - अल्लज़ी ख़ लक़ क फ़ सव्वा क फ़अदलक्
जिसने तुझे पैदा किया। फिर तेरे आज़ा (शरीरांग) को दुरुस्त किया, फिर तुझे मुतनासिब (संतुलित) बनाया। - फ़ी अय्यि सूरतिम् मा शा अ रक्कबक्
जिस सूरत में चाहा तुम्हें तर्तीब दे दिया। - कल्ला बल तुकज़्ज़िबू न बिद्दीनि
हरगिज़ नहीं, बल्कि तुम इंसाफ़ के दिन को झुठलाते हो। - व इन् न अ़लैकुम् लहाफिज़ीन
हालांकि तुम पर निगहबान मुक़र्रर हैं। - किरामन् कातिबीन
मुअज़्जज़ लिखने वाले। - यल्लमू न मा तफ़अ़लून
वे जानते हैं जो कुछ तुम करते हो। - इन्नल् अब्रा र लफ़ी नअ़ीम
बेशक नेक लोग ऐश में होंगे। - व इन्नल् फुज्जा र लफ़ी जहीम
और बेशक गुनाहगार दोजख़ में। - यस्लौनहा यौमद्दीन
इंसाफ़ के दिन वे उसमें डाले जाएंगे। - व मा हुम् अ़न्हा बिग़ाइबीन
वे उससे जुदा होने वाले नहीं। - व मा अद्रा क मा यौमुद्दीन
और तुम्हें क्या ख़बर कि इंसाफ़ का दिन क्या है। - सुम्म मा अदरा क मा यौमुद्दीन
फिर तुम्हें क्या ख़बर कि इंसाफ़ का दिन क्या है। - यौ म ला तम्लिकु नफ़्सुल लिनफ़्सिन् शैआ, वल्अमरु यौमइज़िल लिल्लाह
उस दिन कोई जान किसी दूसरी जान के लिए कुछ न कर सकेगी और मामला उस दिन अल्लाह ही के इख़्तियार में होगा।
सूरह इन्फितार का उर्दू तर्जुमा वीडियो
Surah Al-Infitar in Arabic



Post Views:
121