सूरह अल-मुतफ्फिफीन हिंदी में
अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
- वैलुल् – लिल् – मुतफ़्फ़िफीन
- अल्लज़ी – न इज़क्तालू अलन्नासि यस्तौफून
- व इज़ा कालूहुम् अव्व – ज़नूहुम् युख़्सिरून
- अला यजुन्नु उलाइ – क अन्नहुम् मब्अूसून
- लियौमिन अ़ज़ीम
- यौ – म यकूमुन्नासु लिरब्बिल् – आ़लमीन
- कल्ला इन् – न किताबल् – फुज्जारि लफ़ी सिज्जीन
- व मा अद्रा – क मा सिज्जीन9. किताबुम् – मकूम
- वैलुंय्यौमइज़िल् – लिल् मुकज़्ज़िबीन
- अल्लज़ी – न युकज़्ज़िबू – न बियौमिद्दीन
- व मा युकज़्ज़िबु बिही इल्ला कुल्लु मुअ् – तदिन् असीम
- इज़ा तुत्ला अ़लैहि आयातुना का़ – ल असातीरुल – अव्वलीन
- कल्ला बल् – रा – न अ़ला कुलूबिहिम् – मा कानू यक्सिबून
- कल्ला इन्नहुम् अर्रब्बिहिम् यौमइज़िल – लमह्जूबून
- सुम् – म इन्नहुम् लसालुल – जहीम
- सुम्म युका़लु हाज़ल्लज़ी कुन्तुम् बिही तुकज़्ज़िबून
- कल्ला इन् – न किताबल् – अबरारि लफ़ी अिल्लिय्यीन
- व मा अद्रा – क मा अ़िल्लिय्यून
- किताबुम् -मरकूम
- यश् – हदुहुल् – मुक़र्रबून
- इन्नल् – अब्रा – र लफ़ी नअ़ीम
- अ़लल् अरा – इकि यन्जुरून
- तअ्रिफु फ़ी वुजूहिहिम् नज् – रतन् – नअ़ीम
- युस्कौ – न मिर्रहीकिम् – मख़्तूम
- खितामुहू मिस्क, व फ़ी ज़ालि – क फ़ल्य – तनाफ़सिल – मु – तनाफ़िसून
- व मिज़ाजुहू मिन् तस्नीम
- अनंय् – यश्रबु बिहल – मुकर्रबून
- इन्नल्लज़ी – न अज्रमू कानू मिनल्लज़ी – न आमनू यज् – हकून
- व इज़ा मररू बिहिम् य – तगा़ – मजून
- व इज़न् – क़ – लबू इला अह़्लिहिमुन्क – लबू फ़किहीन
- व इज़ा रऔहुम् का़लू इन् – न हा – उला – इ लज़ाल्लून
- व मा उर्सिलू अ़लैहिम् हाफ़िज़ीन
- फल्यौ मल्लज़ी – न आमनू मिनल् – कुफ़्फारि यज़्हकून
- अ़लल् – अरा – इकि यन्जुरून
- हल् सुव्विबल – कुफ़्फारु मा कानू यफ़अलून
सूरह अल-मुतफ्फिफीन वीडियो
सूरह अल-मुतफ्फिफीन का तर्जुमा हिंदी में
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान, रह्म करने वाला है।
- वैलुल् – लिल् – मुतफ़्फ़िफीन
ख़राबी है कमी करने वालों के लिए - अल्लज़ी – न इज़क्तालू अलन्नासि यस्तौफून
जो ( लोगों से ) माप कर लें तो पूरा भर कर लें - व इज़ा कालूहुम् अव्व – ज़नूहुम् युख़्सिरून
और जब ( दूसरों को ) माप कर या तोल कर दें तो घटा कर दें। - अला यजुन्नु उलाइ – क अन्नहुम् मब्अूसून
क्या यह लोग ख़याल नहीं करते कि वह उठाए जाने वाले हैं - लियौमिन अ़ज़ीम
एक बड़े दिन - यौ – म यकूमुन्नासु लिरब्बिल् – आ़लमीन
जिस दिन लोग खड़े होंगे तमाम जहानों के रब के सामने। - कल्ला इन् – न किताबल् – फुज्जारि लफ़ी सिज्जी
हरगिज नहीं , बेशक बदकारों का आमाल नामा सिज्जीन में है। - व मा अद्रा – क मा सिज्जीन
और तुझे क्या ख़बर कि सिज्जीन क्या है? - किताबुम् – मकूम
एक लिखी हुई किताब - वैलुंय्यौमइज़िल् – लिल् मुकज़्ज़िबीन
उस दिन ख़राबी है झुटलाने वालों के लिए - अल्लज़ी – न युकज़्ज़िबू – न बियौमिद्दीन
जो लोग झुटलाते है। रोज़े जज़ा ओ सज़ा को। - व मा युकज़्ज़िबु बिही इल्ला कुल्लु मुअ् – तदिन् असीम
और उसे नहीं झुटलाता मगर हद से बढ़ जाने वाला गुनाहगार - इज़ा तुत्ला अ़लैहि आयातुना का़ – ल असातीरुल – अव्वलीन
जब पढ़ी जाती हैं उस पर हमारी आयतें तो कहेः यह पहलों की कहानियां है। - कल्ला बल् – रा – न अ़ला कुलूबिहिम् – मा कानू यक्सिबून
हरगिज़ नहीं , बल्कि जंग पकड़ गया है उन के दिलों पर ( उस के सबब ) जो वह कमाते थे। - कल्ला इन्नहुम् अर्रब्बिहिम् यौमइज़िल – लमह्जूबून
हरगिज़ नहीं , वह उस दिन अपने रब की दीद से रोक दिए जाएंगे। - सुम् – म इन्नहुम् लसालुल – जहीम
फिर बेशक वह जहन्नम में दाख़िल होने वाले हैं। - सुम्म युका़लु हाज़ल्लज़ी कुन्तुम् बिही तुकज़्ज़िबून
फिर कहा जाएगा कि यह वही है ,जिस को तुम झुटलाते थे। - कल्ला इन् – न किताबल् – अबरारि लफ़ी अिल्लिय्यीन
हरगिज़ नहीं , बेशक नेक लोगों का आमाल नामा “इल्लियीन” में है। - व मा अद्रा – क मा अ़िल्लिय्यून
और तुझे क्या ख़बर कि इल्लियीन क्या है? - किताबुम् -मरकूम
एक किताब है लिखी हुई। - यश् – हदुहुल् – मुक़र्रबून
( उसे ) देखते हैं ( अल्लाह के ) मुक़र्रब ( नज़दीक वाले ) | - इन्नल् – अब्रा – र लफ़ी नअ़ीम
बेशक नेक बन्दे नेमतों में होंगे। - अ़लल् अरा – इकि यन्जुरून
तख़्तों ( मुस्नदों ) पर ( बैठे ) देखते होंगे , - तअ्रिफु फ़ी वुजूहिहिम् नज् – रतन् – नअ़ीम
तू उन के चेहरों पर नेमत की तरोताज़गी पाएगा | - युस्कौ – न मिर्रहीकिम् – मख़्तूम
उन्हें पिलाई जाती है ख़ालिस शराब मुहर बन्द - खितामुहू मिस्क, व फ़ी ज़ालि – क फ़ल्य – तनाफ़सिल – मु – तनाफ़िसून
उस की मुहूर मुश्क पर जमी हुई ( से लगी हुई ) और चाहिए कि बाज़ी ले जाने की तमन्ना रखने वाले इस में बाज़ी ले जाने की कोशिश करें। - व मिज़ाजुहू मिन् तस्नीम
और उस में मिलावट है तस्नीम की , - अनंय् – यश्रबु बिहल – मुकर्रबून
यह एक चश्मा है जिस से मुकर्रब पीते हैं। - इन्नल्लज़ी – न अज्रमू कानू मिनल्लज़ी – न आमनू यज् – हकून
बेशक जिन लोगों ने जुर्म किया ( गुनाहगार ) वह मोमिनों पर हँसते थे | - व इज़ा मररू बिहिम् य – तगा़ – मजून
और जब उन से हो कर गुज़रते तो आँख मारते - व इज़न् – क़ – लबू इला अह़्लिहिमुन्क – लबू फ़किहीन
और जब अपने घर वालों की तरफ लौटते तो हँसते ( वातें बनाते ) लौटते - व इज़ा रऔहुम् का़लू इन् – न हा – उला – इ लज़ाल्लून
और जब उन्हें देखते तो कहतेः बेशक यह लोग गुमराह है . - व मा उर्सिलू अ़लैहिम् हाफ़िज़ीन
और वह उन पर निगहबान बना कर नहीं भेजे गए। - फल्यौ मल्लज़ी – न आमनू मिनल् – कुफ़्फारि यज़्हकून
पस आज ईमान वाले काफिरों पर हँसते हैं। - अ़लल् – अरा – इकि यन्जुरून
तख्तों ( मसहरियों ) पर बैठे देखते है। - हल् सुव्विबल – कुफ़्फारु मा कानू यफ़अलून
क्या मिल गया काफ़िरों को बदला का जो वह करते थे।
Surah Al-Mutaffifin Urdu Tarjuma
Surah Al-Mutaffifin in Arabic





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