80 सूरह अबासा हिंदी में

अबासा का हिंदी में मतलब “तेवरी चढ़ाई” होता है। सूरह अबासा मक्का में नाजि़ल हुई। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है। इस सूरह का नंबर 80 है। इसमे कुल आयतें 42 और रुकू 1 है।

सूरह अबासा का खुलासा क्यों हुआ?
सुन्नी मूल के परंपरावादियों के अनुसार, एक समय पैगम्बर मोहम्मद मक्का के प्रमुखों को इस्लाम स्वीकार करने के लिए राजी करने में लगे हुए थे। एक अंधे व्यक्ति ने उनसे इस्लाम के संबंध में कुछ बिंदु की व्याख्या करने के लिए संपर्क किया। मुहम्मद को उसकी रुकावट पसंद नहीं आई और उसने उसकी उपेक्षा की। इसके बाद अल्लाह ने इस सूरह को भेजा।

सूरह अबासा हिंदी में | Surah Abasa in Hindi

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
  1. अ़-ब-स व तवल्ला
    (नबी ने) त्योरी चढ़ाई तथा मुँह फेर लिया।
  2. अन् जा-अहुल् अअमा
    और मुँह फेर बैठा कि उसके पास अँधा आ गया।
  3. व मा युद्री-क ल अ़ल्लहू यज़्ज़क्का
    और तुमको क्या मालूम शायद वह (तालीम से) पवित्रता प्राप्त करे।
  4. औ यज़्ज़क्करु फ़-तन्फ़-अ़हुज़्ज़िक्रा
    या वह नसीहत सुनता तो नसीहत उसके काम आती।
  5. अम्मा मनिस्तग्ना
    रहा वह व्यक्ति जो बेपरवाही करता है,
  6. फ़-अन्-त लहू तसद्दा
    तू उसके पीछे पड़ा है।
  7. व मा अ़लै-क अ़ल्ला यज़्ज़क्का
    हालाँकि अगर वह न सुधरे तो तुम जि़म्मेदार नहीं।
  8. व अम्मा मन् जा-अ-क यसआ़
    और रहा वह व्यक्ति जो स्वयं ही तेरे पास दौड़ता हुआ आया,
  9. व हु-व यख़्शा
    और (अल्लाह से) डरता है।
  10. फ़-अन्-त अ़न्हु त-लह्हा
    तुम उसकी ओर ध्यान नहीं देते।
  11. कल्ला इन्नहा तज्कि-रतुन्
    देखो ये (क़ुरआन) तो सरासर नसीहत है।
  12. फ़-मन् शा-अज़-करह्
    तो जो चाहे इसे याद रखे।
  13. फ़ी सुहुफ़िम्-मुकर्र-मतिम्
    (लौहे महफूज़ के) बहुत प्रतिष्ठित पुस्तक के पन्ने में (लिखा हुआ) है।
  14. मरफू-अ़तिम् मुतह्ह-रतिम्
    जो ऊँचे तथा पवित्र हैं।
  15. बिऐदी स-फ़-रतिन्
    ऐसे लेखकों (फ़रिश्तों) के हाथों में है।
  16. किरामिम् ब-र-रह्
    जो सम्मानित और आदरणीय हैं।
  17. कुतिलल्-इन्सानु मा अक्-फ़रह्
    इन्सान मारा जाये, वह कितना कृतघ्न (नाशुक्रा) है।
  18. मिन् अय्यि शैइन् ख़-लक़ह्
    (अल्लाह ने) उसे किस चीज़ से पैदा किया।
  19. मिन् नुत्फ़तिन् , ख़-ल-क़हू फ़-क़द्द-रहू
    उसे वीर्य से पैदा किया, फिर उसका भाग्य बनाया।
  20. सुम्मस्सबी-ल यस्स-रहू
    फिर उसका रास्ता आसान कर दिया।
  21. सुम्-म अमातहू फ़-अक़्ब-रहू
    फिर उसे मौत दी फिर उसे कब्र में दफ़न कराया।
  22. सुम्-म इज़ा शा-अ अन्श-रह्
    फिर जब चाहेगा, उसे जीवित कर लेगा।
  23. कल्ला लम्मा यक्ज़ि मा अ-मरह्
    सच तो यह है कि अल्लाह ने जो हुक़्म उसे दिया उसने उसको पूरा न किया।
  24. फ़ल्यन्जुरिल्-इन्सानु इला ताआ़मिही
    इन्सान अपने भोजन की ओर ध्यान दे।
  25. अन्ना स-बब्नल्-मा-अ सब्बा
    कि हम ही ने (बादल) से पानी बरसाया।
  26. सुम्-म शक़फ़्नल्-अर-ज़ शक़्का़
    फिर हम ही ने ज़मीन (दरख़्त उगाकर) चीरी फाड़ी।
  27. फ़-अम्बत्ना फ़ीहा हब्बंव्
    फिर हमने उसमें अनाज उगाया।
  28. व अि-नबंव्-व क़ज़्बंव
    और अंगूर और तरकारियाँ।
  29. व जैतूनंव्-व नख़्लंव्
    और ज़ैतून और खजूरें।
  30. व हदाइ-क गुल्बंव्
    और घने घने बाग़ और मेवे।
  31. व फ़ाकि-हतंव्-व अब्बम्
    और चारा (ये सब कुछ) तुम्हारे और तुम्हारे।
  32. मताअ़ल्-लकुम् व लि-अन्आ़मिकुम्
    चारपायों के फायदे के लिए (बनाया)।
  33. फ़-इज़ा जा-अतिस्साख़्ख़हू
    तो जब कानों के परदे फाड़ने वाली (प्रलय) आ मौजूद होगी।
  34. यौ-म यफ़िर्रुल्-मरउ मिन् अख़ीहि
    उस दिन आदमी अपने भाई,
  35. व उम्मिही व अबीहि
    और अपनी माँ और अपने बाप,
  36. व साहि-बतिही व बनीह्
    और अपनी बीबी और अपने लड़के से भागेगा।
  37. लि-कुल्लिम्-रिइम् मिन्हुम् यौमइज़िन् शअनुंय्-युग्नीह
    उनमें से प्रत्येक व्यक्ति को उस दिन ऐसी पड़ी होगी जो उसे दूसरों से बेपरवाह कर देगी।
  38. वुजूहुंय्-यौमइज़िम् मुस्फ़ि-रतुन्
    बहुत से चेहरे तो उस दिन चमकते होंगे।
  39. ज़ाहि-कतुम् मुस्तब्शि-रतुन्
    हंसते एवं प्रसन्न होंगे।
  40. व वुजूहुंय् यौमइज़िन् अ़लैहा ग़-ब-रतुन्
    और बहुत से चेहरे ऐसे होंगे जिन पर गर्द पड़ी होगी।
  41. तर्-हकुहा क़-तरह्
    उनपर कालिमा छाई होगी।
  42. उलाइ-क हुमुल्क-फ़-रतुल् फ़-जरह्
    वही होंगे इनकार करनेवाले दुराचारी लोग!

सूरह अबासा वीडियो | Surah Abasa Video

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