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Toggleसूरह अल मोमिनून हिंदी में | Surat al-Muminun in Hindi
- फ़क़ालू अनुअ्मिनु लि – ब शरैनि मिस्लिना व क़ौमूहुमा लना आ़बिदून
आपस मे कहने लगे क्या हम अपने ही ऐसे दो आदमियों पर इमान ले आएँ हालाँकि इन दोनों की (क़ौम की) क़ौम हमारी खि़दमत गारी करती है। - फ़- कज़्ज़बूहुमा फ़कानू मिनल् – मुह़्लकीन
गरज़ उन लोगों ने इन दोनों को झुठलाया तो आखि़र ये सब के सब हलाक कर डाले गए। - व ल कद आतैना मूसल किता-ब लअ़ल्लहुम् यह्तदून
और हमने मूसा को किताब (तौरैत) इसलिए अता की थी कि ये लोग हिदायत पाएँ। - व जअ़ल्नब् – न मर्य-म व उम्महू आ-यतंव् – व आवैनाहुमा इला रब्वतिन् ज़ाति करारिंव् – व मईन *
और हमने मरियम के बेटे (ईसा) और उनकी माँ को (अपनी क़ुदरत की निशानी बनाया था) और उन दोनों को हमने एक ऊँची हमवार ठहरने के क़ाबिल चश्मे वाली ज़मीन पर (रहने की) जगह दी। - या अय्युहर्रूसुलु कुलू मिनत्तय्यिबाति वअ्मलू सालिहन्, इन्नी बिमा तअ्मलू-न अ़लीम
और मेरा आम हुक्म था कि ऐ (मेरे पैग़म्बर) पाक व पाकीज़ा चीज़ें खाओ और अच्छे अच्छे काम करो (क्योंकि) तुम जो कुछ करते हो मैं उससे बख़ूबी वाकि़फ हूँ। - व इन् – न हाज़िही उम्मतुकुम् उम्मतंव्वाहि- दतंव् – व अ-न रब्बुकुम् फत्तकून
(लोगों ये दीन इस्लाम) तुम सबका मज़हब एक ही मज़हब है और मै तुम लोगों का परवरदिगार हूँ। - फ़- तक़त्तअू अमरहुम बैनहुम् जुबुरन्, कुल्लु हिज़्बिम् – बिमा लदैहिम् फ़रिहून
तो बस मुझी से डरते रहो फिर लोगों ने अपने काम (में एख़तिलाफ करके उस) को टुकड़े टुकड़े कर डाला हर गिरोह जो कुछ उसके पास है उसी में नेहाल नेहाल है। - फ़ ज़रहुम फ़ी – ग़म् – रतिहिम् हत्ता हीन
तो (ऐ रसूल) तुम उन लोगों को उन की ग़फलत में एक ख़ास वक़्त तक (पड़ा) छोड़ दो। - अ – यह्सबू – न अन्नमा नुमिद्दुहुम्’ बिही मिम् – मालिंव् – व बनीन
क्या ये लोग ये ख़्याल करते है कि हम जो उन्हें माल और औलाद में तरक़्क़ी दे रहे है तो हम उनके साथ भलाईयाँ करने में जल्दी कर रहे है। - नुसारिअु लहुम् फ़िल-ख़ैराति, बल् ला यश्अुरून
(ऐसा नहीं) बल्कि ये लोग समझते नहीं। - इन्नल्लज़ी – न हुम् मिन् ख़श्यति रब्बिहिम् मुश्फ़िकून
उसमें शक नहीं कि जो लोग अपने परवरदिगार की दहशत से लरज़ रहे है। - वल्लज़ी – न हुम् बिआयाति रब्बिहिम् युअ्मिनून
और जो लोग अपने परवरदिगार की (क़ुदरत की) निशानियों पर इमान रखते हैं। - वल्लज़ी – न हुम् बिरब्बिहिम् ला युश्रिकून
और अपने परवरदिगार का किसी को शरीक नही बनाते। - वल्लज़ी – न युअ्तू – न मा आतौ व कुलूबुहुम् वजि – लतुन् अन्नहुम् इला रब्बिहिम् राजिअून
और जो लोग (अल्लाह की राह में) जो कुछ बन पड़ता है देते हैं और फिर उनके दिल को इस बात का खटका लगा हुआ है कि उन्हें अपने परवरदिगार के सामने लौट कर जाना है। - उलाइ-क युसारिअू-न फ़िल्-ख़ैराति व हुम् लहा साबिकून
(देखिये क्या होता है) यही लोग अलबत्ता नेकियों में जल्दी करते हैं और भलाई की तरफ (दूसरों से) लपक के आगे बढ़ जाते हैं। - व ला नुकल्लिफु नफ़्सन् इल्ला वुस्अहा व लदैना किताबुंय्यन्तिकु बिल्हक्कि व हुम् ला युज़्लमून
और हम तो किसी शख़्स को उसकी क़ूवत से बढ़के तकलीफ देते ही नहीं और हमारे पास तो (लोगों के आमाल की) किताब है जो बिल्कुल ठीक (हाल बताती है) और उन लोगों की (ज़र्रा बराबर) हक़ तलफी नहीं की जाएगी। - बल कुलूबुहुम् फी गम्रतिम् – मिन् हाज़ा व लहुम् अअ्मालुम् – मिन् दूनि ज़ालि-क हुम् लहा आ़मिलून
उनके दिल उसकी तरफ से ग़फलत में पडे़ हैं इसके अलावा उन के बहुत से आमाल हैं जिन्हें ये (बराबर किया करते है) और बाज़ नहीं आते। - हत्ता इज़ा अख़ज्ना मुत्रफ़ीहिम् बिल् – अज़ाबि इज़ा हुम् यज्अरून
यहाँ तक कि जब हम उनके मालदारों को अज़ाब में गिरफ्तार करेंगे तो ये लोग वावैला करने लगेंगें। - ला तज्अरूल् यौ-म इन्नकुम् मिन्ना ला तुन्सरून
(उस वक़्त कहा जाएगा) आज वावैला मत करों तुमको अब हमारी तरफ से मदद नहीं मिल सकती। - कद् कानत् आयाती तुत्ला अ़लैकुम् फ़कुन्तुम् अ़ला अअ्क़ाबिकुम् तन्किसून
(जब) हमारी आयतें तुम्हारे सामने पढ़ी जाती थीं तो तुम अकड़ते किस्सा कहते बकते हुए उन से उलटे पाँव फिर जाते। - मुस्तक्बिरी न बिही सामिरन् तह्जुरून
तो क्या उन लोगों ने (हमारी) बात (कु़रआन) पर ग़ौर नहीं किया। - अ-फ़लम् यद्दब्बरूल् – क़ौल अम् जा अहुम् मा लम् यअ्ति आबा – अहुमुल अव्वलीन
उनके पास कोई ऐसी नयी चीज़ आयी जो उनके अगले बाप दादाओं के पास नहीं आयी थी। - अम् लम् यअ् रिफू रसूलहुम् फहुम् लहू मुन्किरून
या उन लोगों ने अपने रसूल ही को नहीं पहचाना तो इस वजह से इन्कार कर बैठे।
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